लखनऊ में शामिल होंगे बाराबंकी औऱ उन्नाव के गांव, 1104 गांवों से LDA बनेगा LDMA
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लखनऊ में शामिल होंगे बाराबंकी औऱ उन्नाव के गांव, 1104 गांवों से LDA बनेगा LDMA

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का दायरा बढ़ाने की तैयारी है. बाराबंकी (Barabanki) और उन्नाव (Unnao) के तमाम इलाके भी अब इसका हिस्सा होंगे. 

Lucknow development Authority LDMA

Lucknow LDA : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का दायरा बढ़ाने की तैयारी है. बाराबंकी (Barabanki) और उन्नाव (Unnao) के तमाम इलाके भी अब इसका हिस्सा होंगे. लखनऊ विकास प्राधिकरण को जल्द ही नया नाम मिलेगा. इसे अब लखनऊ विकास प्राधिकरण की जगह एलडीएमए नाम से जाना जाएगा. एलएमडीए का सीमा विस्तार बाराबंकी से उन्नाव तक होना है. सीमा विस्तार में 1104 राजस्व गांव हिस्सा होंगे.बाराबंकी के 384 और उन्नाव के 394 नए गांव इसमें शामिल किए जाने की तैयारी हो रही है.इन गांवों में भी शहरी क्षेत्र के हिसाब से विकास कराया जाएगा. एलएमडीए (LMDA) में 2990 वर्ग किलोमीटर का कुल क्षेत्रफल शामिल होगा. सीमा विस्तार होने के बाद LMDA में 50.40 लाख की आबादी आएगी.

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रिपोर्ट के मुताबिक, एलएमडीए लखनऊ के तहत राजधानी के राजस्व गांवों के अलावा बाराबंकी के तीन ब्लॉक शामिल किए जाएंगे. उन्नाव का भी नवाबगंज (Nawabganj)  नगर पालिका पंचायत और कुछ राजस्व गांवों भी इसके दायरे में लाए जाएंगे. LMDA में  आने से इन गांवों में भी विकास कार्य तेज हो जाएंगे. इसमें पीने के पानी की पाइपलाइन, पक्की सड़कें, पक्की नालियां और अन्य तरह की सार्वजनिक सुविधाएं शामिल हैं. इन गांवों में नगर निकायों के तहत आवंटित फंड भी बढ़ाया जाएगा. 

खबरों के मुताबिक, इन राजस्व गांवों में लखनऊ के 8 ब्लॉक और लीडा यानी लखनऊ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के 719 और बाराबंकी के तीन ब्लॉक के 385 गांव को दायरे में लाया जाएगा. लखनऊ एवं उन्नाव के 45 राजस्व गांवों को भी नगर पालिका परिषद नवाबगंज की 3 लाख की आबादी भी इसमें शामिल कर ली जाएगी. माना जा रहा है कि राजधानी लखनऊ में बढ़ती आबादी, नगरीय सुविधाओं पर बढ़ते दबाव के कारण इसके विस्तार पर लंबे समय से चर्चा हो रही है.

यही कारण है कि दिल्ली के एनसीआर की तर्ज पर यूपी की राजधानी लखनऊ के स्टेट कैपिटल रीजन पर भी तेजी से काम चल रहा है. इसमें यूपी के उन्नाव, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई समेत 10 से ज्यादा जिलों को दायरे में लाया जाएगा. इनके विकास के लिए अगले 20 वर्षों का डेवलपमेंट प्लान का खाका भी बन रहा है. ताकि इन जिलों से लखनऊ तक आवागमन बेहतर रहे और 50 से 100 किलोमीटर दूरी तक के लोग 1-2 घंटे में ही आवाजाही कर सकें. उन्हें लखनऊ में ठहराव की जरूरत न पड़े. इसके लिए मेट्रो, रैपिड रेल, इलेक्ट्रिक बसों औऱ अन्य परिवहन सेवाओं का नेटवर्क तैयार करने पर चर्चा हो रही है. 

नक्शा दोबारा पास कराना पड़ेगा
Lucknow, के 8 ब्लॉक के गांवों की भूमि एलडीए में शामिल होने के बाद नए सिरे से मास्टरप्लान बनेगा. भूमि मालिकों ने जिला पंचायत से जो नक्शा मंजूर कराया है, उसके लिए दोबारा लखनऊ विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी. सुनियोजित विकास के तहत इन गांवों में सीवर लाइन, सड़क, बिजली और पार्क जैसी सुविधाओं पर फोकस होगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार को लेकर एलडीए बोर्ड की बैठक 27 सितंबर को होगी. 

इन राजस्व गांवों को फायदा 
एलडीए के सीमा विस्तार में लखनऊ के सभी ब्लॉक काकोरी, चिनहट, सरोजिनी नगर, मोहनलालगंज, गोसाईगंज, नगराम नगर, अमेठी नगर पंचायत, बख्शी का तालाब,इटौंजा, महोना, मलिहाबाद ब्लॉक के रेवेन्यू विलेज आएंगे. बाराबंकी के निंदुरा, देवा रोड, बंकी ब्लॉक एवं नगर पालिका परिषद और नवाबगंज की ग्राम सभा भी इसके दायरे में होगी.

इससे पहले 2009 में कानपुर रोड के कुछ क्षेत्र और 2014 में काकोरी के 14 गांव LDA में शामिल कराए गए थे. ट्रांस गंगा सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट भी बने थे, लेकिन अभी इन पर ज्यादा काम नहीं हो पाया है.

 

 

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