स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कहानियों को इकट्ठा किया जाएगा. फिर वीरों की इन कहानियों को स्टूडेंट को अलग और दिलचस्प तरीके से सुनाया जाएगा. जिन वीरों की कहानियां सुनाई जाएंगी वो यूपी के अलग-अलग हिस्से से होंगे.
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विशाल सिंह/लखनऊ: आमतौर पर स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle) का जिक्र छिड़ते ही लोगों को रानी लक्ष्मी बाई, भगत सिंह अशफाक उल्ला खान, मंगल पाण्डे, झलकारी बाई, जैसे बहुत से नाम याद आ जाते हैं. लेकिन ऐसे बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं, जिन्होंने काकोरी कांड, चौरा-चौरी कांड समेत अन्य आजादी की लड़ाइयों में हिस्सा लिया और शहीद हुए लेकिन उनका नाम केवल उनके इलाके के लोगों तक ही सीमित है. सरकार की पहल है कि ऐसे गुमनाम सेनानियों के जीवन को छात्रों के सामने रखा जाए. इसी के तहत यूपी के स्कूलों में एक ये पहल शुरू होने जा रही है.
सुनाई जाएंगी अनसुनी कहानियां
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के स्कूलों (Schools) में देश के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में अनसुनी कहानियां (Unknown Stories) सुनाई जाएंगी. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पूरे एक साल तक ये कार्यक्रम चलाए जाएंगे. जल्द से जल्द ऐसे सेनानियों के नाम और उनकी जीवनी को इकट्ठा करने के निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे 100 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कहानियों को इकट्ठा किया जाएगा. फिर वीरों की इन कहानियों को स्टूडेंट को अलग और दिलचस्प तरीके से सुनाया जाएगा. जिन वीरों की कहानियां सुनाई जाएंगी वो यूपी के अलग-अलग हिस्से से होंगे.
टीचर बच्चों को सुनाएंगे अनसुने वीरों की कहानियां
यूपी के अलग-अलग जिलों से ऐसे ही वीरों के नाम, फोटो और बाकी जानकारियों को इकट्ठा किया जाएगा. फिर इन्हें शब्दों में पिरोया जाएगा. दिलचस्प कहानियां बनाई जाएंगी. इसके अलावा हर सेनानी का अलग से लोगो तैयार किया जाएगा. इन कहानियां को लिखने के लिए भी टीचरों की ही हेल्प ली जाएगी. इसके बाद पूरे राज्ये के टीचर इसे अपने यहां के बच्चों को सुनाएंगे. इन कहानियों के जरिए बताएंगे कि यूपी से कितने शूरवीर निकले हैं, जिनका योगदान आजादी की लड़ाई में बिलकुल भी कम नहीं था.
अधिकारियों को दिए निर्देश
केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धमेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने उत्तर प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जल्दी से जल्दी ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और उनके जीवन वृत्त को इकट्ठा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को सेनानियों की जीवन से परिचय करना है.
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