प्रदेश के विभिन्न जिला स्तरीय अस्पतालों और सामुदायिक केंद्रों के नियम के मुताबिक, इन्हें 6 महीने के भीतर कार्यभार ग्रहण करना था. ऐसा न होने की स्थिति में योगी शासन ने इनकी नियुक्तियां रद्द कर दी हैं...
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लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradeshs) की योगी सरकार (Yogi Goverment) ने डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल आवंटित होने के बाद ड्यूटी ज्वाइन न करने वाले 229 डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर दी है. अब फिर से इन पदों को रिक्त मानते हुए दोबारा अधियाचन भेजा जाएगा. इस संबंध में निदेशक (प्रशासन) डॉ. राजा गणपति आर ने आदेश जारी कर दिया है.
योगी शासन ने रद्द की इनकी नियुक्तियां
बता दें कि इन डॉक्टरों का चयन राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) ने साल 2020-2021 के लिए किया था. इन सभी डॉक्टरों की पोस्टिंग भी कर दी गई थी लेकिन डॉक्टरों ने ड्यूटी जॉइन नहीं की. प्रदेश के विभिन्न जिला स्तरीय अस्पतालों और सामुदायिक केंद्रों के नियम के मुताबिक, इन्हें 6 महीने के भीतर कार्यभार ग्रहण करना था. ऐसा न होने की स्थिति में योगी शासन ने इनकी नियुक्तियां रद्द कर दी हैं.
नियुक्ति पत्र लेने के बाद भी कार्यभार ग्रहण नहीं किया
राज्य में वर्ष 2020-21 के दौरान अलग-अलग चरण में एल-2 ग्रेड में करीब 1009 डॉक्टरों का सिलेक्शन किया गया था. इन चिकित्सकों में कुछ ने काउंसिलिंग के बाद हॉस्पिटल में तैनाती ली तो वहीं कई डॉक्टरों ने नियुक्ति पत्र लेने के बाद भी कार्यभार ग्रहण नहीं किया. अब ऐसे डॉक्टरों पर गाज गिर गई है.
स्वास्थ्य विभाग की कार्मिक शाखा ने जुटाया ब्योरा
छह महीने का समय बीत जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्मिक शाखा ने डॉक्टरों का ब्योरा जुटाया. इस दौरान पता चला कि इन छह महीनों में 229 डाक्टरों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया.इस संबंध में कोई जानकारी भी नहीं दी गई. ऐसे में इनका नियुक्ति आदेश निरस्त कर दिया गया है. विभाग ने शासन से फिर 2383 एक्सपर्ट डॉक्टरों की भर्ती किए जाने की मांग की है. इसके लिए लोकसेवा आयोग को अधियाचन भेजा गया है.