Maghi Purnima 2023: माघी पूर्णिमा पर `महास्नान` आज, त्रिवेणी-हरिद्वार में लग रही आस्था की डुबकी, कल्पवास आज हो जाएगा खत्म
Maghi Purnima 2023: धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से देवता प्रसन्न होते हैं. सीएम योगी ने माघ स्नान पर शुभकामनाएं दी हैं.
Magh Purnima 2023: माघ मेला के अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा स्नान पर आज सुबह चार बजे से ही पवित्र संगम में लाखों की संख्या में एकत्र हुए भक्त आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.माघी पूर्णिमा स्नान से एक दिन पहले शनिवार को ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम की रेती पर पहुंच गए थे. प्रयागराज मेला प्राधिकरण का अनुमान है कि लगभग पांच-छह लाख श्रद्धालु पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाएंगे. इसके मद्देनजर ही मेला क्षेत्र में तैयारी और व्यवस्था की गई है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से देवता प्रसन्न होते हैं. सीएम योगी ने माघ स्नान की शुभकामनाएं दी हैं.
त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी
संगम तट पर लगे माघ मेले का पांचवा प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा आज है. ब्रह्महूर्त से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम संगम तट पर उमड़ा है. माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर हर कोई संगम में स्नान को लेकर उत्साहित है. ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. आज के दिन देवी देवता भी रूप बदलकर त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए आते हैं.माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर मेला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जरूरी इंतजाम किए गए हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा
'माघ पूर्णिमा' के पावन अवसर पर समस्त प्रदेश वासियों एवं प्रयागराज माघ मेला में स्नान हेतु पधारे पूज्य संतजनों, श्रद्धालुओं व कल्पवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं!
हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब
हरिद्वार की हर की पैड़ी पर स्नान करने वाला का तांता लगा हुआ है. अब माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही एक माह का कल्पवास रविवार को खत्म हो जाएगा. लोग स्नान करने के लिए तड़के ही घाट पर पहुंच गए. श्रद्धालु इस सर्दी में स्नान-दान कर रहे हैं.
पूजा-पाठ और दान का बहुत महत्व
धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस माह में पूजा-पाठ और दान का बहुत महत्व होता है. माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा-माघिन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, हर माह की पूर्णिमा पूजा पाठ के दृष्टिकोण से बेहद खास मानी जाती है. माघ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है.पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला दैनिक स्नान माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है.ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए सभी दान कार्य फलीभूत होते हैं. इसलिए इस दिन लोगअपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान-पुण्य करते हैं. यह प्रयाग में गंगा नदी के तट पर लगाए गए एक महीने के तपस्या शिविर कल्पवास का भी अंतिम दिन है.
माघ महीना प्रयागराज के संगम पर कल्पवास और विशेष अनुष्ठान का आयोजन करने की परंपरा चलती आ रही है. आज इस माघ पूर्णिमा पर इस अनुष्ठान का अंतिम दिन होता है. इस दिन लाखों की संख्या में भक्त गंगा और संगम में स्नान करते हैं। लेकिन कहा जाता है कि अयोध्या की पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के बिना अधूरा रहता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज स्नान के बाद सीधे अयोध्या पहुंचते हैं.
सरयू घाट पुरोहित ओमप्रकाश ने बताया कि आज भगवान सूर्य दक्षिणायण से पूरी तरह उत्तरायण आ चुके हैं.आज विशेष यह दिन देवताओं का दिन माना जाता है. आज बड़ी संख्या में भक्त सरयू के जलधारा में स्नान ध्यान कर रहे हैं. दान पुण्य कर रहे हैं. कहा जाता है कि सरयू नदी के जलधारा में सभी तीर्थों का वास होता है। और कहा जाता है कि विभिन्न तीर्थों में हजारों बार स्नान और पूजन करने के बराबर माँ सरयू नदी में एक बार स्नान करने का पुण्य प्राप्त होता है.
कानपुर से अयोध्या पहुंची महिला श्रद्धालु तरुणा श्रीवास्तव ने कहा कि आज का दिन बहुत ही पवित्र माना जाता है. नदी में स्नान के बाद कितनी संतुष्टि मिली है उसका बयान नहीं कर सकती हूँ. सरयू में स्नान के बाद अन्न दान भी किया है. तो वही मास्टर से विनती करते हुए कहा है कि सभी का कल्याण करें और आने वाले समय में सबको ऐसे ही दर्शन दें. आज रात देख रही हूं कि अयोध्या का विकास बहुत अच्छे से चल रहा है. आने वाले समय में बड़ी संख्या में अयोध्या आने और भगवान राम लला के दर्शन के लिए पहुंचेंगे. यह सब भगवान राम लला की महिमा है.
Watch: माघ मेला का अंतिम स्नान आज, संगम पर उमड़े श्रद्धालु