Magh Purnima 2023: माघ पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है.. धार्मिक ग्रंथों में माघ मास में किए जाने वाले पवित्र स्नान और तपस्या की महिमा का वर्णन है... माघ के महीने में हर एक दिन दान कार्य करने के लिए विशेष होता है..
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Magh Purnima 2023: माघ माह शुरू हो चुका है.धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस माह में पूजा-पाठ और दान का बहुत महत्व होता है. माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा-माघिन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, हर माह की पूर्णिमा पूजा पाठ के दृष्टिकोण से बेहद खास मानी जाती है. माघ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवतागण पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से देवता प्रसन्न होते हैं.
पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला दैनिक स्नान माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है.ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए सभी दान कार्य फलीभूत होते हैं. इसलिए इस दिन लोगअपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान-पुण्य करते हैं. यह प्रयाग में गंगा नदी के तट पर लगाए गए एक महीने के तपस्या शिविर कल्पवास का भी अंतिम दिन है. आइए जानते हैं माघी पूर्णिमा की सही तिथि, मुहूर्त के बारे में...
माघ माह के पूर्णिमा तिथि
माघ माह पूर्णिमा तिथि आरंभ
4 फरवरी 2023 रात्रि 09 :29 मिनट से
माघ माह पूर्णिमा तिथि समाप्त
5 फरवरी 2023 रात्रि 11: 58 मिनट तक
उदया तिथि के अनुसार -5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी माघ पूर्णिमा
आयुष्मान योग
सूर्योदय से दोपहर 02:41 मिनट तक
सौभाग्य योग
दोपहर 02: 41 मिनट से 6 फरवरी दोपहर 03: 25 मिनट तक
रवि पुष्य योग
सुबह 05 बजकर 56 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग
सुबह 05 बजकर 56 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक
माघी पूर्णिमा 2023 पूजा की विधि
माघ पूर्णिमा के दिन रवि पुष्य योग में पवित्र स्नान करें और फिर सूर्य मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें.व्रत का संकल्प लेकर भगवान कृष्ण की पूजा करें. पूजा में देवी-देवताओं को गंध, पुष्प, धूप एवं दीप अर्पित करें. माता लक्ष्मी की उपासना निश्चित रूप से करें. अंत में आरती का पाठ कर पूजा संपन्न करें. गरीब, जरूरतमंद और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें. तिल और काले तिल को विशेष रूप से इस दिन दान करें. हो सके तो माघ मास में काले तिल से हवन करें और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए.
इस मंत्र का करें जाप
गायत्री मंत्र या 'ॐ नमो नारायण' मंत्र का लगातार 108 बार जप करना चाहिए.
माघी पूर्णिमा का महत्व
माघी पूर्णिमा का दिन ज्योतिष शास्त्र में भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना धार्मिक दृष्टि से. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है. इसलिए, यह माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं. माघ पूर्णिमा गंगा स्नान पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो वह दिन और भी शुभ हो जाता है.
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