Mirzapur Patta Vale Baba: मिर्जापुर (mirzapur) में एक बाबा इस समय काफी चर्चा में हैं, जो बर्फ की सिल्लियों के बीच और ऊपर बैठकर साधना करते हैं. दावा है कि बाबा पत्ते से लोगों का इलाज करते हैं इसलिए इनका नाम 'पत्ता वाले बाबा' है.
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राजेश मिश्रा/मिर्जापुर: साधु-संत समाज की एक अनोखी दुनिया है. इनका नाम या तो गुरु रखते हैं या फिर भक्त रख देते हैं. वाराणसी की सीमा के नजदीक नारायणपुर के पास छोटा मिर्जापुर गांव में रहने वाले पत्ता वाले बाबा चर्चा का विषय बने हुए हैं. इनके आश्रम में भक्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. बर्फ की सिल्लियों पर बैठे बाबा तमाम असाध्य रोगों का इलाज पेड़ के पत्तों से करते हैं. लिहाजा भक्त इन्हें पत्ता वाले बाबा के नाम से जानते हैं.
छोटा मिर्जापुर में स्थित है बाबा का आश्रम
यूपी के वाराणसी और मिर्जापुर बॉर्डर के पास चुनार तहसील के छोटा मिर्जापुर में स्थित बाबा का वृक्षोंपल्ली सेवा आश्रम के नाम से जाना जाता है. आश्रम में स्वामी रामानन्द महराज रहते हैं. जो बर्फ की सिल्लियों के बीच और उसके ऊपर 18 घंटे तक आसन लगाकर बैठते हैं. इस दौरान वह बिना हिले डुले बैठे रहते हैं. इसी अवस्था में वह अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. बाबा के भक्तों का मानना है कि बाबा की कृपा से उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
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दूसरे प्रदेश के लोग भी आते हैं बाबा के आश्रम पर
भक्तों का मानना है कि स्वामी रामानन्द महराज पेड़ की पत्तियों से सभी रोग दूर कर देते हैं. मान्यता है कि बाबा की कृपा से भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है. बाबा की प्रसिद्धि बढ़ने से भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. उनके भक्तों का दावा है कि वह असाध्य बीमारियों का इलाज भी पेड़ों के पत्ते से कर देते हैं. स्थानीय भक्तों के अलावा आश्रम पर अलग-अलग जिलों के साथ ही बिहार झारखंड से भी लोग अपना कष्ट दूर करने यहां दौड़े चले आते हैं.
छुट्टी वाले दिन बढ़ जाती है भक्तों की संख्या
वृक्षोंपल्ली सेवा आश्रम भक्तों के आस्था और विश्वास का केंद्र बना है. जाड़ा, गर्मी और बरसात हर मौसम में आसपास बर्फ की दीवार और आसन लगाकर बैठने वाले बाबा लोगों में कौतूहल बने हैं. अवकाश के दिनों में बाबा के आश्रम में आने वाली भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. यहां आए लोग पत्र-पुष्प अर्पित कर बाबा का आशीर्वाद पाकर गदगद हो जाते हैं. साथ ही मन से कृपा पाने के लिए फिर जल्द आने की कामना के साथ विदा होते हैं.
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