RBI Ban 2000 Note : मोदी सरकार अब 2000 रुपये का नोट (Denomination) जारी नहीं करेगी. 23 मई से 30 सितंबर के बीच ये नोट वापस किए जा सकेंगे. जिनके पास भी ये नोट हैं वो बैंक में जमा किए जा सकते हैं. काला धन (Black Money) के खिलाफ मोदी सरकार की ये बड़ी मुहिम मानी जा रही है. इसी बीच केंद्र सरकार के इस फैसले पर सपा ने तीखे सवाल खड़े किए हैं तो कांग्रेस ने चुटकी ली है. वहीं, व्‍यापारियों में हड़कंप मच गया है. जानें व्‍यापारियों ने सरकार से क्‍या अपील की है. 


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नोटबंदी से हजारों की जान गई थी 
समजावादी नेता अमीक जामेई ने सवाल किया है कि क्‍या सरकार के इस फैसले से आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर लगाम लग पाएगा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी की क्रूरता में हजारों लोगों की जान गई थी. भाजपा ने उस समय कहा था कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, काला धन की कमर टूट जाएगी. चिप वाले 2000 नोट बंद करने का फैसला बताता है कि आर्थिक मोर्चे पर फेल नरेंद्र मोदी ने सत्ता के नशे में भारतीयों को जोकर समझा है. अब 2024 में जनता इन्हें सत्ता से बेदखल करेगी. 



व्‍यापारियों में मचा हड़कंप 
वहीं, आरबीआई के निर्णय से व्यापारियों में हड़कंप मच गया है. सराफा बाजार में कई व्यापारियों का कहना है कि 2000 का नोट मार्केट में था ही नहीं. तो ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. वहीं, कुछ व्यापारियों का कहना है कि 30 सितंबर 2023 तक वैध रहने और नोट एक्सचेंज करने और जमा करने की लिमिट बढ़ाई जानी चाहिए.  


 


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कांग्रेस नेता ने क्‍या कहा 
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि 'हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत. पहले एक्ट करते हैं, फिर सोचते हैं.' रमेश ने लिखा कि '8 नवंबर 2016 के तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं'.


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