Mulayam Singh News: मुलायम सिंह का इस इंटर कॉलेज था खास लगाव, शिक्षक से ऐसे सियासत के सूरमा बने नेताजी
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Mulayam Singh News: मुलायम सिंह का इस इंटर कॉलेज था खास लगाव, शिक्षक से ऐसे सियासत के सूरमा बने नेताजी

Mulayam Singh News: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को अंतिम सांस ली. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती नेताजी का बीते 2 अक्टूबर से इलाज चल रहा था. नेताजी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. 

मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) File Photo

Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की आयु में आज यानी सोमवार सुबह निधन हो गया. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती नेताजी का बीते 2 अक्टूबर से इलाज चल रहा था. नेताजी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है. गांव की गलियों से दिल्ली तक का सफर तय करने वाले मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश के 3 बार मुख्यमंत्री रहे तो वहीं देश के रक्षामंत्री भी रहे. 

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था. छोटे से गांव सैफई में जन्मे मुलायम 5 भाई और एक बहन में सबसे बड़े भाई रतन सिंह से छोटे थे. पिता सुघर सिंह यादव उनको पहलवान बनाना चाहते थे. मुलायम को भी बचपन से पहलवानी का शौक रहा. 1955 से 1959 तक उन्होंने जैन इंटर कॉलेज करहल में पढ़ाई की. साथ में पहलवानी का शौक भी जारी रखा. 1963 में करहल के जैन इंटर कॉलेज में ही सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हो गए. यहां लगातार 10 वर्षों तक उन्होंने सहायक अध्यापक के पद पर सेवाएं दीं. 1974 से उन्होंने जैन इंटर कॉलेज में राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता रहने हुए सेवाएं दीं.

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी नहीं टूटा जैन इंटर कॉलेज से नाता
मुलायम सिंह यादव के सर्विस काल के एक-एक रिकॉर्ड को जैन इंटर कॉलेज में विरासत में रूप में रखा है. ज़ी मीडिया की टीम को स्कूल के मौजूदा प्राचार्य यदुवीर नारायण दुबे ने 'नेताजी' की शिक्षा-दीक्षा से लेकर सहायक अध्यापक पद पर चयन और फिर प्रवक्ता पद पर अनुमोदन के दस्तावेज के अलावा लेजर और सर्विस बुक भी दिखाई. 1984 में उन्होंने समय के अभाव में जैन इंटर कॉलेज से रिजाइन दे दिया और पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हो गए. लेकिन जैन इंटर कॉलेज से मुलायम ने नाता नही तोड़ा, मुख्यमंत्री रहते हुए बिना बताए कई बार उनका हेलीकॉप्टर जैन इंटर कॉलेज में उतरा और अपने मित्रों और शिक्षकों से मुलाकात करने आते जाते रहे.

जैन इंटर कॉलेज में सेवाएं देने के साथ मुलायम सिंह पहलवानी में भी अपना हाथ आजमाते रहे और इटावा जनपद के नगला अमर में हुई कुश्ती के दौरान मुलायम जसवंतनगर से मौजूदा विधायक नत्थू सिंह यादव के संपर्क में आये. नत्थूसिंह यादव मुलायम सिंह से इतना प्रभावित हुए की अपने अपनी जसवंतनगर सीट से मुलायम को चुनाव भी लड़ा दिया और मुलायम पहले चुनाव में ही भारी जीत दर्ज कराकर विधायक चुन लिए गए. सैफई से लखनऊ और लखनऊ से दिल्ली तक का सफर मुलायम ने तय किया. राजनीति में तेजी से उभरते मुलायम का बॉलीवुड के बड़े बड़े लोगों से संबंध बन गए और अमिताभ बच्चन से नजदीकियां बढ़ने के बाद मुलायम ने सैफई में अमिताभ बच्चन के नाम से इंटर कॉलेज भी खुलवाया जिसका उद्घाटन भी खुद अमिताभ बच्चन ने किया. 

पहले चुनाव में व्यवस्थाओं का था अभाव, साइकिल पर दोस्तों के साथ मांगे वोट 
1967 के पहले विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह के पास व्यवस्थाओं का बेहद अभाव था. उन्होंने पहले चुनाव में अपने मित्रों के साथ साइकिल पर बैठकर वोट मांगे, यहां तक की राम मनोहर लोहिया द्वारा दिए गए नारे एक नोट और एक वोट पर काम किया और लोगों ने उन्हें हाथों हाथ भी लिया और लोगों से प्राप्त चंदे से मुलायम ने चुनाव लड़ा. सैफई से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था इसलिए उनको महिलाओं का भी बड़ा समर्थन मिला और सैफई के लोगों ने अपना एक वक्त का खाना बचाकर मुलायम को चंदा दिया. इसी चंदे को मुलायम ने चुनाव में खर्च किया और एक एंबेसडर कार की खरीदी. 

ऐसा रहा राजनीतिक करियर
1967 में पहली बार विधायक और मंत्री बने.
5 दिसंबर 1989 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री और केंद्र में रक्षा मंत्री रहे.
1967, 74, 77, 85, 89 में विधानसभा सदस्य रहे.
1982-85 में विधानपरिषद के सदस्य.
आठ बार राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. 

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