Muzaffarnaga News : सीएम योगी की पुलिस माफियाओं के लिए काल बन रही है. कहीं बुलडोजर एक्शन तो कहीं कुर्की की कार्रवाई. मुजफ्फरनगर में संजीव जीवा की अवैध सल्तनत पर एक्शन शुरू हो गया है.
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मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ खुद हर जिले की कानून व्यवस्था पर नजर रखते हैं. यही वजह है कि राज्य के अलग-अलग जिलों में माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती है. उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कड़ी कार्रवाई कर रही है. कोतवाली थाना नगर पुलिस ने कुख्यात माफिया गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की अवैध रूप से अर्जित की चल-अचल संपत्ति कुर्क की है. कुर्क संपत्ति की कीमत 10.20 करोड़ रुपए है.
संजीव जीवा यूपी का एक कुख्यात अपराधी था. प्रारंभिक दिनों में वो एक दवाखाने में कंपाउडर की जॉब करता था. नौकरी के समय ही इसने दवाखाना के संचालक को अगवा कर लिया था. वहीं, कोलकता में एक बिजनेसैन के बेटे को भी अगवा कर दो करोड़ की फिरौती मांगी थी. 10 मई 1997 को इसका नाम बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी मर्डर केस में सामने आया था. गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी का राइटहैंड माने जाने वाले संजीव जीवा की 7 जून को लखनऊ में अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में सह-आरोपी था, जिसमें अंसारी भी आरोपी है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने बताया कि पुलिस ने कुल 10 करोड़ 20 लाख रुपए की चल-अचल सम्पत्ति गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत कुर्क की है. कुख्यात माफिया संजीव जीवा के खिलाफ 1995 से 2023 तक हत्या, जान से मारने का प्रयास, धोखाधड़ी, मारपीट, आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर अधिनियम के कुल 25 मामले दर्ज हैं.
गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के सहयोगी संजीव जीवा की 7 जून को लखनऊ में एक अदालत कक्ष में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में सह-आरोपी था, जिसमें अंसारी भी आरोपी है.
उसने एक कंपाउंडर के रूप में शुरुआत की और फिर अंडरवर्ल्ड का सदस्य बन गया. वह मुन्ना बजरंगी का करीबी सहयोगी था, जिसकी 2018 में बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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