महंत मौत मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों का सीबीआई फिर से रिमांड मांग सकती है. पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग कोर्ट से खारिज होने के बाद रिमांड के लिए सीबीआई कोर्ट में अर्जी दे सकती है. सीबीआई पॉलीग्राफी टेस्ट से आरोपियो के इंकार को आधार बनाकर रिमांड मांग सकती है.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: बाघम्बरी गद्दी के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) की मौत से सीबीआई (CBI) अभी तक पर्दा नहीं उठा सकी है. अभी तक की जांच और आरोपियों से की गई पूछताछ में कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है. सीजेएम कोर्ट ने आनंद गिरि के नार्को टेस्ट की अनुमति देने से भी इंकार कर दिया है. ऐसे में मौत से जुड़े कुछ और सवालों को सुलझाने के लिए आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को फिर से रिमांड पर लेने की तैयारी में है.
पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग कोर्ट से खारिज
महंत मौत मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों का सीबीआई फिर से रिमांड मांग सकती है. पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग कोर्ट से खारिज होने के बाद रिमांड के लिए सीबीआई कोर्ट में अर्जी दे सकती है. सीबीआई पॉलीग्राफी टेस्ट से आरोपियो के इंकार को आधार बनाकर रिमांड मांग सकती है.
रिमांड मांग सकती है सीबीआई
प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट 28 सितंबर से चार अक्टूबर तक की आरोपियो की कस्टडी रिमांड पहले ही सीबीआई को दे चुकी है. रिमांड के दौरान सीबीआई आरोपी आनंद गिरी को हरिद्वार लेकर गई थी. सीबीआई हरिद्वार में आनंद गिरी के आश्रम और दूसरे जगहों पर छानबीन के लिए गई थी. कथित सीडी और महंत से जुड़े लोगों के बारे में दोबारा जानकारी जुटाने के लिए रिमांड की मांग कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक अभी तक सीबीआई को जांच में महंत नरेंद्र गिरी की मौत का कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है. लिहाजा दुबारा सीबीआई अनसुलझे सवालों के जवाब तलाशने के लिए आरोपियो का रिमांड मांग सकती है.
महंत की मौत को एक महीना पूरा
आपको बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितंबर 2021 को प्रयागराज के बाघंबरी मठ में एक कमरे की छत से लटका मिला था. आज उनकी मौत को एक महीना हो गया है. महंत ने अपने सुसाइड नोट में तीनों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. तीनों आरोपियों के खिलाफ प्रयागराज के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके बाद आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया गया. राज्य सरकार की सिफारिश पर मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई. तीनों आरोपी फिलहाल नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं.
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