Navratri 2021: मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन कर मन को मिलती है परम शांति, होता है हर मनोकामना पूरी
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Navratri 2021: मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन कर मन को मिलती है परम शांति, होता है हर मनोकामना पूरी

मां की सविधि पूजा अर्चना कर जप करने वाले भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती हैं. माता दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा है...

Navratri 2021: मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन कर मन को मिलती है परम शांति, होता है हर मनोकामना पूरी

राजेश मिश्र/मीरजापुर: नवरात्रि में आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी के नौ रूपों की आराधना की जाती है. पहले दिन जहां हिमालय की पुत्री पार्वती अर्थात शैलपुत्री के रूप में मां का पूजन करने का विधान है. वहीं, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजन किया जाता है । प्रत्येक प्राणी को सदमार्ग पर प्रेरित करने वाली मां का यह स्वरूप सभी के लिए आरध्यनीय है. विन्ध्य और मां गंगा के तट पर विराजमान मां विंध्यवासिनी ब्रह्मचारिणी के रूप में सभी भक्तों का कष्ट दूर करती हैं. भक्त नवरात्र में शक्ति को अर्जित करते हैं.

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रावण वध के पहले श्रीराम ने भी की थी पूजा
अनादिकाल से आस्था का केंद्र रहे विन्ध्याचल में विन्ध्य पर्वत व पवन पावनी मां भागीरथी के संगम तट पर विराजमान मां विंध्यवासिनी का दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजन व अर्चन किया जाता है. भगवान राम ने भी रावण के वध के लिए नवरात्रि में शक्ति अर्जित किये थे. 

सभी भक्तों की मनोकामनाएं होती हैं पूरी
विंध्यक्षेत्र में मां को विंदवासिनी अर्थात विंध्यवासिनी के नाम से जाना जाता है. उन्हें भक्तों के कष्ट को दूर करने वाला माना जाता है. प्रत्येक प्राणी को सदमार्ग पर प्रेरित करने वाली मां ब्रह्मचारिणी सभी के लिए आराध्य हैं. नौ दिन में मां सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. इस गृहस्थ जीवन में जिस-जिस वस्तुओं की जरूरत प्राणी को होती है, वह सभी प्रदान करती हैं. 

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भक्तों का तांता
मां की सविधि पूजा अर्चना कर जप करने वाले भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती हैं. माता दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा है. आदि शक्ति मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए भक्त पिछले कई सालों से आते रहे हैं. मां उनकी सभी मुरादें पूरी करती हैं. 

मां के दर्शन कर मिलती हा परम शांति
नौ दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा कर भक्त सभी कष्टों से छुटकारा पाते हैं और शक्ति को अर्जित करते हैं. माता के किसी भी रूप में दर्शन करने मात्र से प्राणी के शरीर में नई उर्जा, नया उत्साह और सदविचार का संचार होता है. मां के धाम में आने के बाद मां की मनोहारी दर्शन कर भक्तों को परम शांति और सुख की अनुभूति होती है. 

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