Rampur by-election 2022: भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आकाश सक्सेना को काजिम अली का समर्थन निश्चित रूप से भाजपा की मदद करेगा क्योंकि चुनाव धारणाओं पर लड़े जाते हैं...
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Rampur Byelection 2022: उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर अगले महीने होने वाला उपचुनाव इतिहास रच दिया है.पहली बार किसी कांग्रेसी नेता ने बीजेपी उम्मीदवार को अपना मौन समर्थन दिया है, जिससे उनकी पूरी पार्टी में खलबली मच गई है.नवाब काजिम अली खान, जो कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार आकाश सक्सेना को अपना समर्थन दिया है. सक्सेना ने पुष्टि की कि काजिम अली ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा की है.
रामपुर के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले काजिम अली यहां से पांच बार विधायक रहे हैं. सपा के दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान के साथ उनकी दुश्मनी पहले से ही पौराणिक अनुपात हासिल कर चुकी है, जिनकी अयोग्यता ने रामपुर में उपचुनाव को जरूरी बना दिया है. आकाश रामपुर से पार्टी के पूर्व सांसद शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं.समाजवादी पार्टी ने आजम खान के सहयोगी असीम रजा को मैदान में उतारा है और काजिम अली, जो कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के बेटे हैं, आजम खान समर्थित किसी का समर्थन नहीं करेंगे.दिलचस्प बात यह है कि रजा ने हाल ही में रामपुर से लोकसभा उपचुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आकाश सक्सेना को काजिम अली का समर्थन निश्चित रूप से भाजपा की मदद करेगा क्योंकि चुनाव धारणाओं पर लड़े जाते हैं.काजिम अली का बीजेपी को समर्थन शिया वोटों को आकाश सक्सेना के पक्ष में मोड़ सकता है."काजिम अली का समर्थन आकाश सक्सेना के लिए है, न कि भाजपा के लिए, मुख्य रूप से, क्योंकि आकाश ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी आजम खान के खिलाफ मोर्चा संभाला था. वहीं, रामपुर के नवाब और पांच बार के पूर्व विधायक का भाजपा को मौन समर्थन से जिले में खलबली मच गई है.
80 हजार हैं मुस्लिम वोटर्स
बता दें कि समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान का रामपुर जिला गढ़ रहा है. इस सीट पर सबसे ज्यादा वोटर्स मुस्लिम हैं. यहां पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 80 हजार के करीब है. रामपुर में वैश्य और लोधी समाज के करीब 35-35 हजार वोटर्स हैं. वहीं, इस सीट पर करीब 15 हजार एससी वोटर्स हैं. जबकि रामपुर में करीब 10 हजार यादव वोटर्स हैं. बीजेपी इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स के अलावा लोधी और वैश्य वोटों पर भी फोकस कर रही है.