एक मां 27 साल बाद बेटे से मिली, वहीं बच्चे की तरह पालने वाली यशोदा को होना पड़ा जुदा, ये है नेपाली कृष्णा की कहानी
बेटे की तरह भरण पोषण करने वाले कोट गांव के परिवार से युवक बिछुड़ गया... लगभग दो घंटे तक नेपाल निवासी महिला की आंखों से खुशी के आंसू झलके तो कोट गांव का परिवार युवक को खोने के गम से फफक कर रोने लगा....
ग्रेटर नोएडा: हमारी जिंदगी में कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं जो हमें कभी खुशी तो कभी गम देते हैं. कुछ मामलों में ये खुशी इतनी लंबी हो जाती है कि दशकों तक इसका इंतजार करना पड़ता है. ऐसी ही एक मामला यूपी के गौतमबुद्धनगर से सामने आया है, जहां पर 27 साल के लंबे इंतजार के बाद एक युवक अपने असली माता-पिता से मिला है. इस मौके को जिसने देखा वो भाव विभोर हो गया.
बता दें कि ये मामला ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना क्षेत्र का है. जहां 27 साल पहले एक युवक (उस समय वह नाबालिग रहा होगा) नेपाल से नौकरी की तलाश में निकला जो रास्ता भटक कर भारत में आ गया. युवक 27 साल पहले एक बच्चे के रूप में दिल्ली में गुम हो गया था, और दादरी के कोट गांव में एक परिवार को बच्चा सड़क पर रोता हुआ मिला. एक परिवार ने उसका पालन-पोषण बेटे की तरह किया. बच्चा जब दिल्ली भटककर आया तब उसका नाम कृष्णा था. बाद में इस परिवार ने उसका नाम रवि रख दिया.
नेपाली एंबेसी को सूचना
किसी ने नेपाल एंबेसी को सूचना दे दी कि दादरी में भारतीय परिवार के पास एक नेपाली युवक है. नेपाली दूतावास और स्थानीय पुलिस की मदद से शुक्रवार को नेपाल से युवक की मां कोट गांव पहुंची. एक मां 27 साल बाद अपने बेटे से मिला तो वहीं बेटे की तरह पालने वाली मां बिछड़ गई. जब युवक अपने नए परिवार को छोड़कर जाने लगा तो उस दौरान वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं. इसके बाद महिला नेपाली युवक को अपने साथ लेकर रवाना हो गई.
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