अस्थमा या दमा एक सांस संबंधी बीमारी है जो दुनियाभर में लाखों बच्चों को प्रभावित करती है. सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी दमा के आम लक्षण हैं.
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अस्थमा या दमा एक सांस संबंधी बीमारी है जो दुनियाभर में लाखों बच्चों को प्रभावित करती है. सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी दमा के आम लक्षण हैं. हालांकि अभी तक दमा का कोई स्थायी इलाज नहीं खोजा जा सका है, लेकिन दवाओं और सावधानियों के जरिए इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एक दिलचस्प खुलासा किया है. इस अध्ययन के अनुसार, अधिक वजन वाले बच्चों में डाइट में जिंक (जस्ता) की मात्रा बढ़ाना दमा के खतरे को कम कर सकता है.
अध्ययन के नतीजे
यह अध्ययन वर्ल्ड एलर्जी ऑर्गनाइजेशन जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इसमें शोधकर्ताओं ने नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (NHANES) के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इस सर्वे में 2011 से 2020 के बीच शामिल 11 से 19 साल के बच्चों और किशोरों की डाइट और सेहत संबंधी आंकड़े शामिल थे. अध्ययन में पाया गया कि जिन अधिक वजन या मोटे बच्चों के डाइट में जिंक की मात्रा अधिक थी, उनमें दमा होने का खतरा कम था.
जिंक दमा से कैसे बचा सकता है?
अध्ययन के शोधकर्ताओं का कहना है कि जिंक शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है. साथ ही, जिंक में सूजन कम करने वाले गुण भी होते हैं, जो दमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. हालांकि, अभी और शोध की जरूरत है यह समझने के लिए कि जिंक वास्तव में दमा के खतरे को कैसे कम करता है और बच्चों के डाइट में जिंक की कितनी मात्रा जरूरत है.
अध्ययन की सीमाएं
यह अध्ययन केवल निरीक्षण संबंधी है, यानी यह सीधे तौर पर साबित नहीं करता है कि जिंक का सेवन दमा को रोकता है. हो सकता है कि जिंक का अधिक सेवन करने वाले बच्चे पहले से ही ज्यादा स्वस्थ डाइट लेते हों, जिसका दमा के खतरे से संबंध हो.
बच्चों के लिए जिंक रिच डाइट
हालांकि इस अध्ययन के नतीजे अच्छे हैं, लेकिन माता-पिता को बच्चों को दवाइयां बंद करके सिर्फ जिंक का सेवन बढ़ाने की सलाह नहीं दी जाती है. दमा के उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है. हां, आप डॉक्टर की सलाह से बच्चों के डाइट में जिंक रिच फूड को शामिल कर सकते हैं, जैसे कि दालें, मेवे, मछली, अंडे और साबुत अनाज.
निष्कर्ष
यह नया अध्ययन दमा के बचाव के लिए डाइट संबंधी रणनीतियों पर चर्चा को बढ़ावा देता है. हालांकि, जिंक को दमा के इलाज का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए. दमा के उपचार और बचाव के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूरी है.