आगरा: भारत पाकिस्तान मैच (India Pakistan Match) में पाकिस्तान की जीत की खुशी मनाने वालों पर योगी सरकार ने सख्ती तो बरती ही है, साथ ही अब वकील भी उनका केस लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसा ही कुछ आगरा में कश्मीरी छात्रों (Kashmiri Students in Agra) के साथ हुआ. बीते 24 अक्टूबर को टी-20 वर्ल्ड कप में पाक से भारत की हार के बाद जिन कश्मीरी छात्रों ने जश्न मनाना शुरू किया था, उनके पक्ष में वकीलों ने केस न लड़ने का एलान किया है.
केस लड़ने वाले वकील का भी होगा विरोध
वकीलों का कहना है कि भारत-पाक मैच के बाद देश विरोधी कृत्य करने वाले आरबीएस कॉलेज के छात्रों का कोई भी अधिवक्ता केस नहीं लड़ेगा. हमारे देश के संविधान के तहत शिक्षा पाने वाले, देश विरोधी कृत्य करने वाले लोगों का कोई समर्थन नहीं करेगा और न ही उन्हें वकीलों की तरफ से कानूनी मदद मिलेगी.
वकीलों की मांग- एनएसए के तहत हो कार्रवाई
इतना ही नहीं, वकीलों का कहना है कि अगर किसी भी अधिवक्ता ने उनका केस लड़ने की सोची, तो उसके खिलाफ सभी लामबंद होकर आवाज उठाएंगे. नितिन वर्मा मंडल अध्यक्ष युवा अधिकवता संघ आगरा, सुनील शर्मा अध्यक्ष आगरा एडवोकेट असोशिएशन आगरा और यामीन कादरी उपाध्यक्ष जनपद बार असोशिएशन आगरा ने कहा है कि उनकी सरकार से मांग है कि देशद्रोह जैसे काम वाले लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए. बता दें, अभी तीनों छात्र ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल में बंद है.
11 नवंबर तक जेल में हैं तीनों आरोपी
टी-20 वर्ल्ड कप में पाक की जीत के बाद आगरा में जश्न मनाने और देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी तीनों कश्मीरी छात्र अरशीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनी की बीते गुरुवार कोर्ट में पेशी हुई थी. विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुधा यादव ने तीनों छात्रों को 11 नवंबर तक जेल भेज दिया है. पुलिस ने केस में राजद्रोह की धारा 124ए बढ़ा दी है.
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