Noida Development Authority को करोड़ों की चपत लगाने वाले अधिकारी पर हुआ एक्शन, मंत्री ने किया निलंबित
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Noida Development Authority को करोड़ों की चपत लगाने वाले अधिकारी पर हुआ एक्शन, मंत्री ने किया निलंबित

UP News: यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बड़ा एक्शन किया है. उन्होंने नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात रहे तत्कालीन विधि अधिकारी को निलंबित कर दिया है. आइए बताते हैं पूरा मामला. 

Noida Development  Authority को करोड़ों की चपत लगाने वाले अधिकारी पर हुआ एक्शन, मंत्री ने किया निलंबित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बड़ा एक्शन किया है. उन्होंने साल 2016 में नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात रहे तत्कालीन विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर को निलंबित कर दिया है.  अधिकारी की लापरवाही से नोएडा विकास प्राधिकरण को 7.26 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि हुई थी. जिसको लेकर ये कार्रवाई की गई है. आइए बताते हैं पूरा मामला. 

नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन अधिकारी पर हुई कार्रवाई
दरअसल, नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर इस समय, यूपीसीडा कानपुर से सम्बद्ध हैं. नोएडा में हुए इस मामले का शासन को संज्ञान होने के बाद ये एक्शन किया गया है. बता दें कि नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा राजस्व गांव मेझा तिलपताबाद की 32,632.187 वर्ग गज जमीन काश्तकारों से ली गई थी. जिसका मुआवजा किसानों को दिया गया था, लेकिन मुआवजे की राशि कम होने पर किसानों ने अदालत में वाद दायर किया.

अपर जिला जज ने दिया था आदेश
इस मामले में अपर जिला जज ने 28 मई 1993 को 16.61 रुपये प्रति वर्ग गज अवार्ड निर्धारित किया. इस प्रकरण में काश्तकारों की तरफ से योजित की गई प्रथम अपील को कालबाधित मानते हुए न्यायालय ने 8 जुलाई 2015 को निरस्त कर दिया. इसके बाद भी किसान श्रीमती रामवती की तरफ से समझौते का प्रार्थना पत्र दिया गया. 

बिना वेरिफिकेशन हुआ करोड़ों का भुगतान
जिसके बाद प्रस्तुत दस्तावेजों और न्यायालय के निरस्तीकरण के आदेश का विधिक परीक्षण नहीं किया गया.  परीक्षण के बिना विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर द्वारा समझौते के सैद्धान्तिक अनुमोदन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया. इसके आधार पर नोएडा अथॉरिटी में 1 जनवरी 2016 को रामवती के नाम 7 करोड़ 26 लाख 80 हजार 427 रुपये का भुगतान किया.  

जांच में दोषी पाए जाने पर हुआ एक्शन
जिसके बाद फरवरी 2022 में विधि अधिकारी की लापरवाही का मामला शासन के संज्ञान में आया. मामला संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दिए गए. मंत्री नन्दी द्वारा नियमानुसार कार्रवाई का आदेश दिया गया.  जांच में तत्कालीन विधि अधिकारी वीरेंद्र सिंह नागर को दोषी पाया गया. इसी मामले में आज योगी सरकार के मंत्री नंदी ने तत्कालीन विधि अधिकारी को निलम्बित कर दिया.

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