17 नवंबर से 16 दिसंबर तक यह महासंगम चलेगा. इस दौरान कला और संस्कृति के आदान-प्रदान के उद्देश्य से कई सत्र आयोजित किए जाएंगे.
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जयपाल/वाराणसी: वाराणसी में 17 नवंबर से काशी-तमिल संगमम शुरू होने जा रहा है. 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक यह महासंगम चलेगा. 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एंफीथिएटर ग्राउंड में संगमम के मुख्य आयोजन की शुरुआत करेंगे. बताया रहा है कि 12 ट्रेनों से ढाई हजार प्रतिभागी यहां पहुंच रहे हैं. सिर्फ तमिलनाडु से ही 10 हजार लोग वाराणसी पहुंच रहे हैं. हिंदी-तमिल महासंगम को लेकर 16 नवंबर को BHU के एंफीथिएटर ग्राउंड पर एसपीजी के अधिकारियों के साथ पुलिस और प्रशासन की अहम मीटिंग हुई. इस दौरान अधिकारियों ने सिक्यूरिटी व्यवस्था की पड़ताल की. महासंगम को लेकर पंडाल में 5 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं.
पीएम मोदी करेंगे संवाद
बताया जा रहा है कि आईआईटी मद्रास द्वारा चयनित 210 तमिल मेधावियों से पीएम मोदी संवाद करेंगे. पीएम मोदी के संबोधन के बाद 75 स्टालों की प्रदर्शनी दिखाई जाएगी. इन 75 स्टालों पर तमिलनाडु की संस्कृति, पहनावा, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, विरासत, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, शिक्षा और राजनीतिक जानकारियां दी जाएंगी. कार्यक्रम के दौरान मेहमानों को वाराणसी के मंदिर, घाट, सारनाथ, हेरिटेज भी घुमाया जाएगा. काशी से प्रयागराज संगम और अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का दर्शन करके सभी लोग वापस काशी आएंगे.
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अलग-अलग विषयों पर चर्चा सत्र
काशी तमिल संगमम के दौरान कई अकादमिक सत्र का आयोजन किया जाएगा. हिंदी-तमिल महासंगम में साहित्य,प्राचीन ग्रंथों,दार्शनिक चिंतन,आध्यात्मिकता,संगीत,नृत्य नाटक,योग,आयुर्वेद,हथकरघा,हस्तशिल्प,आधुनिक नवाचार,व्यापारिक आदान-प्रदान,एजुटेक जैसे विषयों पर विचार- गोष्ठी, चर्चा, व्याख्यान, कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी.महासंगम में 12 ग्रुप में अलग-अलग क्षेत्रों से लोग शिरकत करेंगे. हर ग्रुप में 200 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. दो-दो दिन के अन्तराल पर उन्हें काशी की सैर भी कराई जाएगी. बताया जा रहा है यहां पहुंचे वाले मेहमान काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन करने के साथ गंगा आरती में भी उपस्थित रहेंगे.