शातिर बदमाश जिसका नाम सुनते ही दहशत में आ जाते हैं, वह ड्यूटी खत्म करने के बाद एक ऐसे मिशन में जुट जाती है, जिससे कोई और अपराध की दुनिया में कदम न रखे. पढ़ें बुलंदशहर की गुड्डन चौधरी कैसे समाज में बदलाव ला रही हैं.
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मोहित गोमत/बुलंदशहर: पुलिस का नाम सुनते ही अक्सर आपके जेहन में बहुत अच्छा ख्याल नहीं आता है. कई बार आप पुलिस के दस अच्छे काम उसकी एक गलती पर भारी पड़ जाता है. लेकिन बुलंदशहर के थाना खुर्जा देहात में तैनात महिला कांस्टेबल गुड्डन चौधरी ने ऐसी मिसाल पेश की जिसे देखकर सुनकर हर कोई उसकी तारीफ करते नहीं थक रहा है.
बुलंदशहर के खुर्जा में पुलिस वाली मैडम के नाम से मशहूर लेडी कॉस्टेबल गुड्डन चौधरी ऐसे बच्चों के लिए एक वरदान की तरह साबित हो रही है जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं. जिनके पास इतने भी पैसे नहीं होते कि वह अपने बच्चों को पढ़ा सकें. बुलंदशहर खुर्जा में करीब तीन दर्जन से भी ज्यादा बच्चों को पुलिस वाली मैडम गुड्डन चौधरी खुद पढ़ाती हैं. हर रोज ड्यूटी करने के बाद वह अपना कीमती समय निकालकर सड़क पर ही पाठशाला लगाकर पढ़ाया करती है.
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उन्होंने खुर्जा में अपनी एक अनोखी पाठशाला बना रखी है. वह हर रोज ऐसे बच्चों को पढ़ाती हैं जो बच्चे किसी वजह से स्कूल नहीं जा पाते हैं. इनमें बड़ी संख्या ऐसे बच्चों की है जो सड़क किनारे झुग्गियों में रहते हैं. गुड्डन चौधरी बच्चों के लिए पेन-कॉपी का इंतजाम भी करती हैं. गुड्डन की इस पहल को देखते हुए बुलंदशहर एसएसपी श्लोक कुमार भी बुलंदशहर पुलिस की तरफ से मदद का भरोसा दिया है. साथ ही लेडी कॉस्टेबल की शानदार पहल के लिए प्रशस्ति पत्र भी देंगे.
बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और अधिकारी खाली समय में रील आदि बनाकर या सोशल मीडिया में अपनी वाहवाही के प्रयास करते नजर आते हैं. इससे कई बार उन्हें विभागीय मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है. लेकिन गुड्डन जैसी महिला पुलिस कर्मी ने अपने सामाजिक कार्यों से साबित कर दिया है कि बदलाव की शुरुआत भले ही छोटी हो लेकिन वह असरदार होती है.