Positive News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की गई है. जिसके तहत मरकजी सीरत कमेटी ने गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हुए इस साल 8 अक्टूबर को भारत मिलाप होने से बारावफात को एक दिन आगे बढ़ाने का ऐलान किया है.
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अजीत सिंह/जौनपुर: उत्तर प्रदेश में एक तरफ मंदिर-मस्जिद का विवाद चल रहा है, जिसकी सुनवाई न्यायालय में हो रही है. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के जौनपुर में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की गई है, जिसे जानकर आप भी ताज्जुब करेंगे. मरकजी सीरत कमेटी ने एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हुए, इस साल 8 अक्टूबर को भारत मिलाप होने के कारण ईद मिलादुन्नबी को एक दिन आगे बढ़ाने का ऐलान किया है.
10 अक्टूबर को मनाया जाएगा बारावफात
आपको बता दें कि तमाम जगहों पर इस को लेकर विवाद और उहापोह की स्थिति है. ऐसे में जौनपुर से ऐसी तस्वीर दोनों समुदायों के लिए एक बहुत बड़ा असर, आत्मक संदेश और नजीर है. मरकजी सीरत कमेटी ने ये एलान किया है. ऐलान के मुताबिक 9 अक्टूबर को पड़ने वाले ईद मिलादुन्नबी यानी बारावफात को भरत मिलाप होने के चलते 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
भरत मिलाप और बारावफात एक दिन
आपको बता दें कि मरकजी सीरत कमेटी के सदर हफीज शाह ने बुधवार को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस्लामिक कैलेंडर और चांद के अनुसार इस साल ईद मिलादुन्नबी 9 अक्टूबर को पड़ रहा है, लेकिन 8 तारीख को पंडितजी रामलीला का भारत मिलाप भी मनाया जाएगा. 9 तारीख तक भारत मिलाप की सजावटऔर भोर तक मेला रहेगा. ऐसे में बारावफात की सजावट और तैयारियों में दिक्कत आएगी, जिसे देखते हुए कमेटी ने 10 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी मनाने का निर्णय किया है.
मरकजी सीरत कमेटी के अध्यक्ष ने दी जानकारी
मरकजी सीरत कमेटी के अध्यक्ष हाफिज शाह मार्किजित ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह निर्णय गंगा जमुनी तहजीब कायम रखने के उद्देश्य से लिया गया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी साल 2005 में बारावफात के दिन होलिका दहन पड़ा था, जिसके कारण तारीख में परिवर्तन किया गया था. अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाने वाला शहर जनपद जौनपुर हमेशा से अमन-चैन पसंद का शहर रहा है. शायद यही वजह है कि पूरे देश में यदा-कदा हिंदू मुस्लिम मारपीट या दंगे हुए, लेकिन जनपद में आंच नहीं आई.
राज्य और देश के लिए नजीर
आपको बता दें कि अपने इस फैसले से मरकजी सीरत कमेटी ने एक बार फिर इस बात को सिद्ध कर दिया कि जौनपुर के हिंदू-मुस्लिम भाई आपस में किस तरह से भाईचारे के साथ एक-दूसरे का त्योहार मनाते हैं. जौनपुर से ये सकारात्मक संदेश प्रदेश और देश के लिए नजीर है.