प्रयागराज का बहुचर्चित मदरसा कांड (Madarsa incident) एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि माफिया अतीक के भाई ने अपने ही समाज के लोगों के साथ क्या हरकत की थी वो किसी से छिपा नहीं है..मदरसा कांड फिर से खुलेगा और उसकी जांच ...
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मो. गुफरान/प्रयागराज: माफ़िया अतीक अहमद (mafia ateeq ahmed) और उसके परिवार की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई पड़ रहीं हैं. एक तरफ सूबे की योगी सरकार ने जहां उसके अवैध ठिकानों पर बुलडोजर चलाया है तो वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उसके कब्जे से मुक्त हुई सरकारी जमीन पर भूमि पूजन करके गरीबों के आशियाने की आधारशिला रखी. इन कार्रवाई के साथ ही अब योगी सरकार माफ़िया अतीक अहमद और उसके परिवार के अपराधों की दबी फ़ाइलों को दुबारा खुलवाने में जुट गई है. योगी सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने रविवार को प्रयागराज में सीएम योगी के मंच से जनवरी 2007 में शहर पश्चिमी विधानसभा के करैली इलाके में हुए बहुचर्चित मदरसा कांड की दुबारा जांच कराने की बात कही है.
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कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कही ये बात
ने कहा है की माफ़िया अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने अपने ही समाज की बच्चियों के साथ जो घिनौनी हरकत की थी, उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए. जनसभा को संबोधित करते हुए सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा की अगर शहर पश्चिमी विधानसभा की जनता ने उन्हे दुबारा आशिर्वाद दिया तो मुलायम सिंह यादव की सरकार में हुए मदरसा कांड की फ़ाइल को दुबारा खुलवा कर जांच कराएंगे जिससे मदरसा कांड के असल दोषियों को सजा मिले और पीड़ितों को इंसाफ मिल सके.
हुई थी मदरसे की पढ़ने वाली छात्राओं के साथ घिनौनी वारदात
गौरतलब है की जनवरी 2007 में प्रयागराज के शहर पश्चिमी विधानसभा के करैली थाना क्षेत्र के एनुद्दीनपुर इलाके में स्थित एक मदरसे की पढ़ने वाली छात्राओं के साथ घिनौनी वारदात हुई थी. उस घटना में माफिया अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और उसके साथियों का नाम सामने आया था. हालांकि उस दौरान सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव सूबे के मुख्यमंत्री थे. खुद अतीक अहमद फूलपुर लोकसभा से सपा का सांसद था और उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ शहर पश्चिमी विधानसभा से सपा का विधायक था. उस समय इस घटना की गूंज लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पहुंची थी.
मायावती ने की थी इंसाफ की मांग
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी करैली पहुंचकर मदरसा कांड की पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों से मुलाकात करके इंसाफ की मांग की थी. उस समय मायावती ने सीधे तौर पर अतीक अहमद और उसके भाई पर घटना में संलिप्तता का आरोप लगाया था जिसके बाद सूबे की सियासत में बड़ा भूचाल आ गया. लेकिन उस समय अतीक अहमद के सियासी रसूख के चलते असल मुलजिमों के बजाय निर्दोष व्यक्तियों को सलाखों के पीछे भेज कर मामले को रफा दफा कर दिया गया था. बाद में सीबीआई जांच की भी सिफारिश हुई थी, लेकिन सीबीआई ने अपने स्तर का केस न होने की बात कहते हुए जांच करने से इंकार कर दिया था.
माफिया के परिवार से समाज का भरोसा उठा
इसी घटना के बाद माफ़िया अतीक अहमद और उसके परिवार से प्रयागराज वासियों के साथ ही उसके अपने समाज का भी भरोसा उठ गया. इस घटना के बाद माफ़िया अतीक अहमद और उसके परिवार से कोई भी सदस्य किसी भी चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर सका. जिस शहर पश्चिमी से अतीक अहमद ने 1989 में अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत करते हुए लगातार पांच बार विधायक बना. 2004 के आम चुनाव में फूलपुर लोकसभा से संसद के गलियारों का सफर तय किया लेकिन मदरसा कांड के बाद अतीक अहमद और उसके परिवार से आम जन के साथ उसके अपने समाज का भी भरोसा उठ गया. जिसके बाद शहर पश्चिमी विधानसभा की जनता ने अतीक को ठुकरा तो उसकी कहानी अतीत बनकर रह गई.
जेल में बंद है अतीक अहमद
फिलहाल माफ़िया अतीक अहमद अपने किए की सजा खुद तो भुगत ही रहा है, साथ ही उसका भाई और बड़ा बेटा भी भुगत रहा है. अतीक अहमद जहां मौजूदा समय में गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। तो वहीं उसका छोटा भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ यूपी के बरैली जेल में बंद है. अतीक का बड़ा बेटा उमर अहमद दो लाख का इनामी है. लखनऊ के कारोबारी मोहित जयसवाल अपहरण कांड के बाद से उमर फरार चल रहा है. सीबीआई और एसटीएफ की टीमें उसकी तलाश में यूपी समेत चार राज्यों में सुराग लगाने में जुटी हैं.
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