चुनाव आयोग (Election Commission) ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (Jansatta Dal Loktantrik) को ‘आरी’ चुनाव निशान आवंटित किया है.
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प्रतापगढ़: प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. यूपी में सियासी जमीन ढूंढ़ रहे राजा भैया (Raja Bhaiya) की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चुनाव चिन्ह दे दिया है. EC ने राजा भैया की पार्टी को आरी चुनाव चिन्ह आवंटित किया है. राजा भैया ने ट्वीट के जरिए इस बारे में जानाकारी दी.
आप सभी साथियों को ये बताते हुये बहुत ख़ुशी हो रही है कि चुनाव आयोग द्वारा जनसत्ता दल को ‘आरी’ चुनाव निशान आवंटित हुआ है।
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) December 7, 2021
दलीय राजनीति में उतरे तो पार्टी बनाकर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में जब राजा भैया चुनाव लड़े थे तो उस समय उनका चुनाव चिन्ह आरी ही था. तीन दशक पहले 1993 में राजनीति की शुरुआत से लेकर 2017 तक राजा भैया निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से लगातार चुनाव जीतते आए हैं.
राजा भैया अपनी तीन दशक की राजनीति में भले ही पहली बार दलीय राजनीति में उतर रहे हों, लेकिन भाजपा और सपा से उनके नजदीकी रिश्ते रहे हैं. हालांकि वह कभी किसी भी दल में शामिल नहीं हुए. दलीय राजनीति में उतरे तो अपनी पार्टी बनाकर.
सपा और भाजपा से मधुर रहे हैं रिश्ते
भाजपा और सपा से राजा भैया के मधुर रिश्तों की बानगी इसी बात से मिलती है कि वह कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. नजदीकियां भले ही हों, लेकिन दोनों दलों ने राजा भैया के प्रभाव वाली सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारते रहे हैं.
जानिए रघुराज प्रताप सिंह के बारे में
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को प्रतापगढ़ के राजपूत भदरी रियासत में पिता राजा उदय प्रताप सिंह और माता मंजुल राजे के यहां हुआ. इनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे. राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मानद पादाधिकारी रह चुके हैं. इनकी माता मंजुल राजे भी शाही परिवार से आती हैं. राजा भैया भदरी रियासत के पहले सदस्य हैं जो सक्रिय राजनीति में उतरे.
रघुराज प्रताप सिंह की प्राथमिक शिक्षा नारायणी आश्रम, इलाहाबाद के महाप्रभु बाल विद्यालय में हुआ. सन 1985 में भारत स्काउट एंड गाइड हाई स्कूल से दसवीं तथा सन 1987 में इलाहाबाद स्थित इंटरमीडिएट कॉलेज से बारहवीं की पढ़ाई की. लखनऊ विश्वविद्यालय से इन्होंने कानून की डिग्री हासिल की है. घुड़सवारी और निशानेबाजी के शौकीन राजा भैया लखनऊ विश्वविद्यालय से मिलिट्री साइंस और भारतीय मध्यकालीन इतिहास में भी ग्रेजुएट हैं.
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