केंद्र सरकार के लड़कियों की शादी (Legal Age of Marriage For Women) की न्यूनतम आयु 18 साल के बढ़ाकर 21 साल करने से जुड़े बिल को मंजूरी देने के बाद से ही इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है.
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के लड़कियों की शादी (Legal Age of Marriage For Women) की न्यूनतम आयु 18 साल के बढ़ाकर 21 साल करने से जुड़े बिल को मंजूरी देने के बाद से ही इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई है. एक ओर जहां कुछ लोग सरकार के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कुछ इसका विरोध भी कर रहे हैं. इसी मुद्दे पर टिकैत बंधुओं की राय जुदा नजर आ रही है.
जहां राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. वहीं, उनके बड़े भाई चौधरी नरेश टिकैत ने इसको गलत बताया है. राकेश टिकैत ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल्कुल सही फैसला है, अब बच्चियां अच्छी तरह से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकती हैं.
राकेश टिकैत के बड़े भाई भाकियू प्रमुख नरेश टिकैट ने इस फैसले को गलत बताया है. साथ ही सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है, ग्रामीण परिवेश में लड़कियों की शादी जल्द कर दी जाती है. लड़कियां शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रख सकता है. हर मां बाप की इच्छा होती है कि उसकी बेटी की शादी समय से हो जाए. उन्होंने साथ ही कहा कि सरकरा समाज की परंपरा, रिवाज में दखल ना दे. वहीं, सरकार के इस फैसले पर सर्वखाप के चौधरी इकठ्ठा होंगे और इस फैसले का विरोध करेंगे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का फैसला किया है, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुरुषों और महिलाओं की विवाह योग्य उम्र में एकरूपता लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में संशोधन के लिए संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में एक बिल ला सकती है.
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