UP Politics: समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव सोमवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने सीएम आवास पहुंचे. ये मुलाकात करीब आधे घंटे तक तक चली. वहीं, अब इस मुलाकात को लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने प्रतिक्रिया दी है.
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Ram Gopal Yadav Meets CM Yogi: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है. जानकारी के मुताबकि, रामगोपाल यादव भू- माफिया रामेश्वर यादव और जोगेंद्र यादव की पैरवी करने पहुंचे थे. इस मुलाकात को लेकर उत्तर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि सपा महासचिव ने एक अपराधी की पैरवी की है. सरकार उनके खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगी.
अपराधी, गुंडे के खिलाफ नरमी बरतने नहीं वाली सरकार: डिप्टी सीएम केशव मौर्य
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि रामगोपाल यादव ने जिसकी पैरवी की है, वह एक अपराधी है. उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. सरकार किसी भी अपराधी, गुंडे के खिलाफ नरमी बरतने नहीं वाली है. जो अपराध करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी. बुलडोजर भी चलेगा. हम किसी को छोड़ने वाले नहीं है. उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी जो साजिश का ट्वीट करती है, वह पहले खुद देखें. हम साजिश नहीं कार्रवाई करते हैं. बताया जा रहा है कि रामगोपाल ने सीएम से मुलाकात पर एटा के भू- माफिया रामेश्वर यादव और जोगेंद्र यादव की पैरवी की.
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सपा हमेशा अपराधियों की पैरवी करती है: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि रामगोपाल यादव और सपा हमेशा अपराधियों की पैरवी करती है. उन्हीं की समर्थक रही है. हम किसी भी गुंडे बदमाश को नहीं छोड़ेंगे. उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष जानबूझ कर कोल और आदिवासी समाज का अपमान करते हैं. जब उन्हें पता था कि एमएलसी प्रत्याशी की उम्र 30 साल होती है, फिर भी 28 साल वाले का नामांकन कराकर कीर्ति कोल और पूरे समाज का अपमान किया.
ब्रजेश पाठक ने अखिलेश पर साधा निशाना
डिप्टी सीएम ने कहा कि जब राष्ट्रपति चुनाव हो रहा था, तो अखिलेश ने आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया. जबकि मुलायम सिंह यादव को पाकिस्तानी जासूस कहने वाले यशवंत सिन्हा का समर्थन किया. विधान परिषद का चुनाव हो रहा था तब अखिलेश के पास सदस्य संख्या थी. वह चाहते तो आदिवासी बहन को विधान परिषद सदस्य बना सकते थे. लेकिन अपने जेब के लोगों को प्रत्याशी बनाया. उनका यह कदम सपा के चाल चरित्र और चेहरे को बताता है.
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