Kanpur Dehat: योगी सरकार में आखिर किसने रुकवाई यूपी की ये अति प्राचीन रामलीला, जानें क्यों?
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Kanpur Dehat: योगी सरकार में आखिर किसने रुकवाई यूपी की ये अति प्राचीन रामलीला, जानें क्यों?

UP News: कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत वर्षों पुरानी रामलीला का मंचन रविवार को रुकवा दिया गया. आइए बताते हैं पूरा मामला... 

Kanpur Dehat: योगी सरकार में आखिर किसने रुकवाई यूपी की ये अति प्राचीन रामलीला, जानें क्यों?

कानपुर देहात: कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत वर्षों पुरानी रामलीला का मंचन रविवार को रुकवा दिया गया. देर रात अनुमति ना होने का हवाला देते हुए एसडीएम ने रामलीला का मंचन रुकवाया, जिसके बाद आक्रोशित महंत और रामलीला कमेटी के अध्यक्ष धरने पर बैठ गए हैं. इस मामले में जिला अधिकारी से लिखित शिकायत की गई है. साथ ही एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई हैं. वहीं, बिगड़ते माहौल को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया है. आइए बताते हैं पूरा मामला... 

ये है मामला, जिसपर हो रहा विवाद
आपको बता दें कि कानपुर देहात के शिवली के साकेत धाम मंदिर पर प्रति वर्ष की तरह 210वीं रामलीला का मंचन रविवार की देर रात हो रहा था. इस दौरान देर रात तकरीबन 12 बजे के बीच मैथा एसडीएम महेंद्र कुमार पहुंचे मौके पर पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने रामलीला बंद करवा दी. इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने वजह पूछी तो एसडीएम में अनुमति ना होने की बात कही.

स्थानीय लोगों ने की रामलीला मंचन चलने देने की गुजारिश
आपको बता दें कि एसडीएम से स्थानीय लोगों ने धार्मिक कार्यक्रम का हवाला देते हुए रामलीला जारी रखने की गुजारिश की, लेकिन एसडीएम ने महंत और स्थानीय लोगों एक न सुनी. वह लगातार अनुमति ना होने की बात कहते रहे, जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों आक्रोशित हो गए. लोगों की नाराजगी बढ़ती देख एसडीएम रामलीला बंद करने की बात  कहकर वहां से चले गए.

दस्तखत न करने के लगाए आरोप 
इस मामले में रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने एसडीएम पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि समिति द्वारा 10 दिन पहले ही अनुमति की मांग की गई थी. सभी जगह से आख्या लगकर एसडीएम कार्यालय में पहुंच भी गई थी. सभी विभागों की आख्या होने के बावजूद भी एसडीएम ने अनुमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया.

रामलीला समिति के अध्यक्ष ने दी जानकारी
रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 210 साल से रामलीला हो रही है. इस स्थान को लीला मंचन की जन्मस्थली माना जाता है. यहां की रामलीला प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में ख्याति प्राप्त है. 

लोगों ने की एसडीएम पर कार्रवाई की मांग 
इस मंच ने दूसरे राज्यों तक रामलीला मंचन को पहुंचाया और शुरू भी कराया है. उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई और ना ही किसी ने रामलीला को रुकवाया है. पहली बार रामलीला का मंचन रुकवाया गया है. हम सभी की मांग है कि इस कृत्य को करने वाले एसडीएम के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए.

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