Power Demand : उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत ज्यादातर उत्तर भारत के राज्यों में गर्मी बेतहाशा ढंग से बढ़ रही है. मार्च में ही 35-36 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचने लगा है. राजस्थान के कुछ इलाकों में तो पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया था. हीटवेव यानी लू की चेतावनी जारी करनी पड़ी थी.
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Power Demand in Summer : सर्दी खत्म होते ही पारा जो असामान्य उछाल के साथ बढ़ा, वो मार्च (Record Heat in March) में ही दिखाई दे रहा है. इस वजह से बिजली की मांग भी बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश (Power Demand in UP) और उत्तराखंड (Uttarakhand Power Crisis) जैसे राज्यों ने आने वाले महीनों में पॉवर डिमांड को देखते हुए अभी से तैयारी शुरू कर दी है. जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है, उत्तराखंड में भी वो ट्रेंड देखते हुए बिजली की मांग बढ़ने लगी है.
मई जून में प्रचंड गर्मी के संकेत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन ने मई-जून में प्रचंड गर्मी के संकेतों को देखते हुए दूसरे राज्यों से बिजली खरीद और उसकी बैंकिंग करने का फैसला किया है. आवश्यकता को देखते हुए इन राज्यों से बिजली ली जाएगी. इसके तहत सर्दियों के महीने में राजस्थान, कर्नाटक और अन्य राज्यों व केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को यूपी अपनी सरप्लस एनर्जी देगा और जब गर्मियों में इसकी जरूरत होगी तो उनसे ये बिजली ले ली जाएगी. यूपी सरकार एनटीपीसी को भी ये विद्युत आपूर्ति देगी.
बिजली की खपत तेजी से बढ़ेगी
यूपी में बिजली की खपत (Power Consumption) इस मायने में भी बढ़ना तय है, क्योंकि 2014-15 के बाद से राज्य में बिजली उपभोक्ता दोगुने से ज्यादा हो गए हैं. यूपी में बिजली ग्राहक 1.43 करोड़ से बढ़कर अब 3.26 करोड़ हो गए हैं. 2014 में बिजली की अधिकतम डिमांड भी 12,327 मेगावॉट से दोगुना उछाल के साथ 26,590 मेगावॉट तक पहुंच गई है. शहरी इलाकों के साथ गांवों में बिजली आपूर्ति भी बढ़ाई गई है, ऐसे में अप्रैल, मई और जून में बिजली मांग में बेतहाशा बढ़ोतरी का अनुमान है.
UP का कई राज्यों से समझौता
जम्मू-कश्मीर को 250 मिलियन यूनिट, तमिलनाडु को मिलियन यूनिट का समझौता पॉवर एक्सचेंज (Power Purchase agreement) ने किया है. राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी बिजली के आदान-प्रदान को लेकर करार हुआ है. यूपी में मई-जून से लेकर सितंबर के महीने तक पॉवर डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर होती है.
उत्तराखंड में बिजली संकट से बचने की तैयारी
उत्तराखंड की ऊर्जा सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि प्रदेश में 31 मार्च तक के लिए केंद्र की ओर से दी गई अतिरिक्त बिजली का कोटा है. लेकिन 1 अप्रैल से अतिरिक्त बिजली की मांग की जाएगी. बिजली की किल्लत न पैदा हो, इसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है. ऊर्जा सचिव का कहना है कि अभी गैस की कीमत 16 डाॉलर पर चल रही है. इसमें करीब 12 रुपये प्रति यूनिट बिजली का खर्च आता है. लेकिन बिजली की खपत को देखते हुए अगले कुछ दिनों में इसकी कीमत 15 डॉलर पर पहुंच सकती है.
गैस पॉवर प्लांट सक्रिय होंगे
इससे 10 रुपये प्रति यूनिट बिजली का खर्च आएगा. ऐसे में उत्तराखंड के दो गैस पावर प्लांट (Gas Power Plant) सुचारू हो जाएंगे. इससे बिजली की समस्या का कुछ हद तक निदान हो जाएगा.लेकिन अतिरिक्त बिजली की मांग पूरी करने के लिए हमें केंद्र सरकार से और बिजली का कोटा लेना पड़ेगा. लिहाजा खुद मुख्यमंत् पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात करेंगे.
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