समाजवादी पार्टी के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का निधन हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं और हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. मुलायम सिंह से 20 साल छोटी साधना गुप्ता कैसे उनकी जिंदगी में आईं...आइए जानते हैं मुलायम और साधना के रिश्ते से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को निधन हो गया. वह 65 वर्ष की थीं और गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में उनका ईलाज चल रहा था. बताया जा रहा है कि उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन था. साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं. उनके निधन पर राजनीति से लेकर उद्योग जगत की तमाम बड़ी हस्तियों ने शोक जताया है. साधना गुप्ता से मुलायम सिंह यादव के रिश्ते की कई दिलचस्प कहानियां हैं. साधना मुलायम सिंह से 20 साल छोटी थीं. इटावा के बिधुना तहसील की रहने वालीं साधना की मुलायम से 1980 में पहली बार मुलाकात हुई.
पहली पत्नी के निधन के बाद अपनाया
बताया जाता है कि साधना गुप्ता की पहले शादी हो चुकी थी. चार साल बाद ही उनका पति से तलाक हो गया था. इसके बाद साधना गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने शादी कर ली. मुलायम सिंह के छोटे बेटे प्रतीक यादव साधना गुप्ता के बेटे हैं. प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं. फिलहाल वह भाजपा की नेता हैं. 2003 में अखिलेश यादव की मां मालती देवी के निधन के बाद मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था.
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मां की देखभाल से प्रभावित हुए थे नेताजी
बताया जाता है कि एक बार मुलायम सिंह यादव की मां मूर्ति देवी का एअस्पताल में ईलाज चल रहा था. वहां एक नर्स उन्हें गलत इंजेक्शन देने ही वाली थी कि लेकिन वहीं पर पदस्थ साधना ने उसे ऐसा करने से रोक दिया. इससे मूर्ति देवी की जान बच गई. बतौर नर्स साधना मुलायम सिंह की मां की खूब अच्छे से देखभाल कर रहीं थीं. साधना के व्यवहार से मुलायम इतने प्रभावित हुए कि दोनों करीब आ गए.
साधना गुप्ता को मानते थे लकी
सुनीता ऐरोन नामक लेखिका ने अखिलेश यादव की बायोग्राफी बदलाव की लहर लिखी थी. इसमें उन्होंने मुलायम और साधना के रिश्तों पर काफी कुछ लिखा था. बताया जाता है कि 1982 से 1988 तक अमर सिंह एक मात्र ऐसे व्यक्ति थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक साल 1988 में पहली बार मुलायम ने अखिलेश को साधना गुप्ता से मिलवाया था. 1987 में अपने पहले पति से अलग होने के बाद साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की जिंदगी में आईं. उन्होंने साधना को काफी लकी माना. इसके दो साल बाद ही 1989 तत्कालिन सपा सुप्रीमो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गये थे.
परिवार में अब भी चलती है नेताजी की मर्जी
साधना समाजवादी पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में काम कर चुकी हैं. मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हुआ था. उनके बेटे अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वर्तमान में वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में मुलायम सिंह यादव की बात कभी कोई नहीं टाल सकता. आज भी परिवार का हर सदस्य कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले नेताजी की मर्जी जरूर पूछता है.
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