समाज कल्याण विभाग के मंत्री असीम अरुण ने उप निदेशक पद पर प्रमोशन के लिए अफसरों के नाम मांगे थे. इसमें खुलासा हुआ कि विभाग में सिर्फ 35 अफसर ही बेदाग हैं.
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अजीत सिंह/लखनऊ : समाज के कमजोर और पिछड़े वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने वाला समाज कल्याण विभाग ही दागी अफसरों से भरा हो तो सोचिए क्या हालत होगी. दरअसल, समाज कल्याण विभाग में प्रमोशन के लिए मंत्री ने अफसरों के नाम मांगे तो इसमें भ्रष्टाचार के बड़े खेल का खुलासा हुआ. विभाग में दो तिहाई से ज्यादा अफसर भ्रष्टाचार इस खेल में लिप्त पाए गए हैं. ऐसे में प्रोन्नति के बजाय इन अफसरों पर समाज कल्याण विभाग के मंत्री असीम अरुण ने कार्रवाई का मन बना लिया है.
विभाग के मंत्री ने खुद किया खुलासा
आपको बता दें कि समाज कल्याण विभाग में अफसरों के भ्रष्टाचार के इतने बड़े खेल का खुलासा खुद विभाग के मंत्री असीम अरुण ने किया है. मंत्री के मुताबिक, हाल ही में उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी से उप निदेशक पद पर प्रोन्नति के लिए अफसरों के नाम मांगे थे. इसमें चार अफसरों को उप निदेशक पद पर प्रमोशन मिलना था. हालांकि सिर्फ तीन अफसरों को ही प्रोन्नति मिली. एक पद खाली रह गया. इस पर मंत्री को अचरज हुई तो उन्होंने जांच के आदेश दिए.
जांच में इस तरह खुलती गई परत दर परत
जांच में पता चला कि 15 अधिकारियों की सेवा अवधि पूरी होनी वाली है. इसमें से 12 अफसरों का प्रमोशन मिल ही नहीं सकता. कारण जानने पर पता चला कि इनपर भ्रष्टाचार को लेकर अपराध शाखा या विभागीय जांच चल रही है. मंत्री के मुताबिक, जब उन्होंने मामले की तह तक जाने की कोशिश की तो पता चला कि पिछली सरकारों में हुए भ्रष्टाचार की शिकायतों और जांचों की कालिख से बड़ी संख्या में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी रंगे हैं. अब मंत्री कह रहे हैं कि इन अधिकारियों को प्रमोशन नहीं जेल मिलेगी.
विभाग में 87 अफसर दागी
मंत्री के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग में 122 अधिकारी हैं. इसमें से 87 दागी हैं. यानी विभाग में केवल 35 बेदाग अफसर हैं. उन्होंने कहा कि देशहित और विभागहित में हमें भ्रष्टाचार की जड़ों को दूर करना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में बहुत प्रगति हुई है, लेकिन अब भ्रष्टाचार की हर संभावना को समाप्त करना होगा.