Azam Khan की बढ़ीं मुश्किलें, इस केस में फिर नहीं मिली जमानत, स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1082059

Azam Khan की बढ़ीं मुश्किलें, इस केस में फिर नहीं मिली जमानत, स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला

Azam Khan: मामला करीब 3 साल पुराना है, जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी खारिज हो गई है. बताया जा रहा है कि कोर्ट ने अभियोजन अधिकारी की दलील सुनी. इसके बाद कहा कि आरोपी पर जो आरोप लगे हैं, उस स्थिति में जमानत पर रिहा किए जाने का कोई औचित्य नहीं है. बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान पिछले 2 साल से सीतापुर जेल में बंद हैं...

Azam Khan की बढ़ीं मुश्किलें, इस केस में फिर नहीं मिली जमानत, स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला

Azam Khan Bail Plea Rejected: समाजवादी पार्टी से सांसद और फिलहाल सीतापुर जेल में बंद आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं. दरअसल, एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आजम खान की ओर से एक आपराधिक केस में दाखिल की गई जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह केस है मानहानि और विभिन्न समुदायों के बीच अशांति पैदा करने की कोशिश का और केस हजरतगंज कोतवाली में दर्ज किया गया था. सुनवाई के दौरान स्पेशल एसीजेएम (एडिशनल चीफ जस्टिस मजिस्ट्रेट) अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्टया इस मामले को गंभीर अपराध बताया है और आजम खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

UP Chunav: अपराधियों को टिकट देने में कांग्रेस भी पीछे नहीं! हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया को बनाया उम्मीदवार

रिहा किए जाने का औचित्य नहीं
मामला करीब 3 साल पुराना है, जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी खारिज हो गई है. बताया जा रहा है कि कोर्ट ने अभियोजन अधिकारी की दलील सुनी. इसके बाद कहा कि आरोपी पर जो आरोप लगे हैं, उस स्थिति में जमानत पर रिहा किए जाने का कोई औचित्य नहीं है. बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान पिछले 2 साल से सीतापुर जेल में बंद हैं. 

लेटर हेड और सरकारी मुहर के दुरुपयोग का केस
जानकारी के लिए बता दें कि जिस केस को लेकर आजम खान की जमानत अर्जी खारिज हुई है, वह 1 फरवरी 2019 को दर्ज किया गया था. इस मालमे में आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल के अल्लामा जमीर नकवी ने तहरीर दी थी. इसके बाद आईपीसी की धारा 500 और 505 के तहत एफआईआर हुई. तहरीर में बताया गया था कि आजम खान ने मंत्री रहते हुए अपने लेटर हेड और सरकारी मुहर का दुरुपयोग किया है. उन्होंने बीजेपी, आरएसएस और मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी को मीडिया में बदनाम किया था. इतना ही नहीं, आजम खान पर आरोप था कि उन्होंने इन तीनों संगठनों का मान-प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने की कोशिश की. 

5 जनवरी को न्यायिक हिरासत में लिया गया
वहीं, अपने मनगढ़ंत बयानों से कुछ समुदायों के बीच में अशांति पैदा करने की भी कोशिश की गई. इसके बाद 5 जनवरी को इस केस में आरोपी आजम खान को सीतापुर जेल से जरिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जोड़ा गया और फिर न्यायिक हिरासत में लिया गया.

WATCH LIVE TV

Trending news