एक ओर जहां केशव देव मौर्या ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए सपा से गठबंधन तोड़ लिया है. वहीं, ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी बागी तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. ओपी राजभर के बेट अरविंद राजभर ने गठबंधन को लेकर नाराजगी जताई है.
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव 2022 और विधान परिषद चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. एक ओर जहां बुधवार को केशव देव मौर्या ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए सपा से गठबंधन तोड़ लिया है. वहीं, ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने भी बागी तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. ओपी राजभर के बेट अरविंद राजभर ने गठबंधन को लेकर नाराजगी जताई है.
अरविंद राजभर ने जी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि समाजवादी पार्टी ने सुभासपा को नजरअंदाज किया है, जो वादे सपा की ओर के किए गए थे वह पूरे नहीं हुए हैं. उन्होंने बताया कि हमारी पार्टी को केवल आश्वासन दिया गया है, हम लोगों से कहा गया था कि हम लोगों से यह कहा गया था कि विधान परिषद में सुभासपा का एक कार्यकर्ता को भेजा जाएगा, लेकिन कहीं ना कहीं सपा ने प्रत्याशियों की घोषणा करके सुभासपा को निराश किया गया है.
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उन्होंने कहा कि हमारी शक्ति और संगठन पर सवालिया निशान खड़ा किया गया है. लोकसभा उप चुनाव में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे. सुभासपा के इस फैसले से सुभासपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हताश और निराश हैं. उम्मीद नहीं थी कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस प्रकार का निर्णय लेंगे. हम लोगों ने सोचा था कि भागीदारी है तो मिलेगी लेकिन हमारे साथ धोखा हुआ है.
अरविंद राजभर ने अगले कदम को लेकर कहा कि हमने बैठक बुलाई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछने के बाद जो भी फैसला होगा वह सामने होगा. उन्होंने कहा कि व्यक्ति बार-बार ठोकर खाता है तो संभलना सीख जाता है. राजभर ने कहा कि हम पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि गठबंधन बना रहे लेकिन आज की घटना देखकर लगता है कि शायद समाजवादी पार्टी नहीं चाहती है कि यह गठबंधन मजबूत हो.
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