Mathura News : यदि आप भी बांकेबिहारी ठाकुरजी को राखी बांधना चाहते हैं तो अभी जरा भी देर नहीं हुई है. आप चाहें तो डाक से या ऑनलाइन भी राखी भेज सकते हैं. अब तक 15 हजार भक्त राखी भेज चुके हैं.
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कन्हैयालाल शर्मा/मथुरा : भाई बहन के प्रेम के पर्व रक्षाबंधन करीब है. इस दिन एक ओर जहां बहन भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए राखी भेज रही हैं. वहीं ठा. बांकेबिहारी को अपने भाई के रूप में मानने वाले भक्तों द्वारा भी तरह-तरह की राखियां एवं ठाकुरजी के नाम लिखा पत्र भेज रहे हैं. साथ ही वह अपने मन की बात भी अपने भाईस्वरुप ठाकुरजी के लिए लिखकर भेज रही हैं. यही नहीं भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भी ठाकुरजी के प्रार्थना कर रहे हैं.
भगवान के भक्त प्रति वर्ष अपने आराध्य की कलाई पर राखी बांधने के लिए एक से बढ़कर एक रंगबिरंगी राखी भेजते हैं. इनमें अधिकांश महिला भक्त होती हैं, जो भगवान को अपने भाई के रूप में मानकर उन्हें हर साल राखी बांधती हैं. भक्त राखियों के साथ अपने मन की बात भी ठाकुरजी से पत्र माध्यम से कह रहे हैं. वहीं अपने परिवार में सुख समृद्धि की कामना के साथ-साथ कोई अपनी या परिवार के किसी सदस्य को बीमारी से निजात दिलान के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. रक्षाबंधन पर्व पर देश-विदेश के हजारों भक्तों द्वारा अपने आराध्य को भाई मान कर भेजी जा रही राखियां मंदिरों में पहुंच रही हैं.
बांकेबिहारी मंदिर के उप प्रबंधक उमेश चंद्र सारस्वत ने बताया कि इस बार भी रक्षाबंधन पर ठाकुरजी के लिए हजारों राखियां आ रही हैं. भक्तों द्वारा राखी के साथ रोली-चंदन एवं मिठाई स्वरुप मिश्री, किशमिश एवं अन्य मेवा के साथ साथ चॉकलेट भी भेजी जा रही है. साथ ही ठाकुरजी के नाम पत्र लिखकर भक्त अपने परिवार में सुख समृद्धि एवं शांति की कामना की जा रही है. बताया कि बांकेबिहारी मंदिर में देश भर से अब तक करीब 15 हजार से अधिक राखियां आ चुकी हैं. बताया जाता है कि ये सभी राखियां रक्षाबंधन के दिन ठाकुर जी को अर्पित की जाती हैं. ऐसे में यदि आप भी बांकेबिहारी जी को राखी बांधना चाहते हैं तो प्रत्यक्ष पहुंचने के अलावा पत्र और ई-कॉमर्स तथा ऑनलाइन माध्यम से भी राखी भेज सकते हैं.
राखी का शुभ मुहूर्त
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सनातनी पंचांग की तिथियों को सूर्योदय के अनुसार ही माना जाता है.
रक्षाबंधन पूर्णिमा के दिन है.
पूर्णिमा 30 अगस्त की सुबह 10.58 बजे शुरू हो रही है और दूसरे दिन सुबह 7.05 बजे तक रहेगी.
ऐसे में सूर्योदय के समय 31 अगस्त को पूर्णिमा रहेगी.
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30 अगस्त की रात 9.01 बजे तक भद्राकाल होने की वजह से व दूसरे दिन 31 अगस्त को पूर्णिमा सूर्योदय में होने के चलते मंदिर में 31 अगस्त को ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन ठाकुरजी की कलाई पर राखी बांधी जाएंगी. देशभर की बहनों की आए रक्षा सूत्रों को भी इसी दिन सेवाधिकारी ठाकुरजी को अर्पित करेंगे.
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