मैं योगी आदित्यनाथ शपथ लेता हूं, कि.....जानें अलग से क्यों ली जाती है गोपनीयता की शपथ?
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मैं योगी आदित्यनाथ शपथ लेता हूं, कि.....जानें अलग से क्यों ली जाती है गोपनीयता की शपथ?

जल्द ही योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करने के बाद ही अपना पदभार संभाल सकता है. आइये शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानें.

मैं योगी आदित्यनाथ शपथ लेता हूं, कि.....जानें अलग से क्यों ली जाती है गोपनीयता की शपथ?

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की जनता ने अपना फैसला सुनाते हुए एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को अगले पांच साल के लिए एक और मौका दिया है. जल्द ही योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार शपथ ग्रहण करने के बाद ही योगी आदित्यनाथ दोबारा से सीएम का पदभार संभाल सकेंगे. आपको बता दें कि विधायकों को भी अपना पद संभालने से पहले शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी करनी होती है. आइये आज हम आपको शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाते हैं. 

शपथ से पहले की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री शपथ लेने से पहले अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के नामों की एक सूची राज्यपाल को सौंपते हैं. इसी सूची के आधार पर सभी मंत्रियों को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया जाता है. इसके बाद राज्यपाल मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं.

पद की शपथ का प्रारूप कुछ ऐसा होता है...
मैं ................. ईश्वर की शपथ लेता हूं/लेती हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा/ रखूंगी. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा/रखूंगी. मैं संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा/करूंगी तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा/करूंगी. 

गोपनीयता की शपथ का प्रारूप...
'मैं .................... ईश्वर की शपथ लेता/लेती हूं कि जो विषय संघ के मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को, तब के सिवाय जबकि ऐसे मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के सम्यक्‌ निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा.'

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क्यों ली जाती है गोपनीयता की शपथ 
एक मुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री के तौर पर कई ऐसी जानकारियां होती हैं जिनके अपने प्रोटोकॉल होते हैं. इन जानकारियों को खुले तौर पर किसी को भी नहीं बताया जा सकता, इसलिए मुख्य शपथ के साथ अलग से एक गोपनीयता की शपथ लेनी होती है.

परिपत्र पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद एक संवैधानिक परिपत्र पर अपने हस्ताक्षर करते हैं. इसी परिपत्र को देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का संवैधानिक दस्तावेज माना जाता है, जो हमेशा सुरक्षित रहता है. 

विभागों का बंटवारा
मुख्यमंत्री शपथ लेने के बाद अपने मंत्रिमंडल में अलग-अलग विभागों का बंटवारा करते हैं. इसके बाद वे मंत्री प्रक्रिया के अनुसार पदभार ग्रहण करते हैं और अपना काम शुरू करते हैं.

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