लखनऊ: लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ आ गई है. बुधवार को ओम प्रकाश राजभर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच करीब 1 घंटे तक बातचीत हुई. इस मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता परेशान है. हमारी अखिलेश यादव के साथ सहमति बन गई है. लोग भाजपा से परेशान हैं. हम उन्हें सत्ता से हटाने के लिए साथ आए हैं. इसके साथ ही उन्होंने सपा-सुभासपा का गठबंधन का ऐलान कर दिया. 


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सपा एक भी सीट नहीं देगी फिर भी नहीं तोड़ेंगे गठबंधन 
सीटों को लेकर सवाल किए जाने पर ओपी राजभर ने कहा कि सीटों को लेकर कोई लड़ाई नहीं है. अगर समाजवादी पार्टी एक भी सीट नहीं देगी फिर भी हम गठबंधन में रहेंगे. हमारा मकसद बीजेपी को उत्तर प्रदेश की सत्ता से हटाना है. वहीं, सुभासपा को कितने सीटें दी जाएंगी, इस सवाल पर राजभर ने कहा कि इसका जवाब 27 तारीख को दिया जाएगा. जब अखिलेश यादव भी उनके साथ रहेंगे. वहीं, ओवैसी के साथ रहने की बात को उन्होंने टाल दिया. बता दें कि 27 तारीख को महापंचायत रखी गई है, जिसमें वंचित, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल होंगे. 


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सपा ने भी किया औपचारिक ऐलान 
सुभासपा के साथ पार्टी के गठबंधन को समाजवादी पार्टी ने भी औपचारिक ऐलान कर दिया है. सपा ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा," वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग की लड़ाई समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेंगे. सपा और सुभासपा आए साथ, यूपी में भाजपा साफ!"


इन सीटों का बिगड़ सकता है समीकरण 
सपा और सुभासपा के एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ने से पूर्वांचल की सीटों का समीकरण बिगाड़ सकता है. सुभासपा हमेशा छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ती आई है. हालांकि, जीत नहीं हासिल नहीं कर सकी. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन किया था, जिसमें पार्टी ने पूर्वांचल की 8 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. जिनमें से 4 सीटों पर सुभासपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश की लगभग 146 सीटों पर राजभर वोट बैंक काफी संख्या में है, जो किसी भी गणित को बना और बिगाड़ सकते हैं. सुभासपा ने हाल ही में हुए यूपी पंचायत चुनाव में भी अपना दमखम दिखाया था. जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में राजभर की पार्टी से जुड़े 117 सदस्यों ने जीत हासिल की थी. वहीं, 2700 ग्राम प्रधान चुने गए और 1800 बीडीसी सदस्य भी जीते. ऐसे में आगामी चुनाव में सपा का साथ मिलने पर ये समीकरण बदल सकता है.  


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2017 में बनी थी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठन 27 अक्टूबर 2002 को ओमप्रकाश राजभर ने किया था. हालांकि, 15 साल तक उनकी पार्टी के एक भी प्रत्याशी विधायक की कुर्सी पर कब्जा नहीं कर पाए. पहली बार 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन में राजभर समेत उनके 4 प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे. 


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