Kanpur: पाकिस्तान आतंकी अशरफ जलाली ने वीडियो जारी कर सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी को जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई है.
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कानपुर: सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी को पाकिस्तान से जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई है. कौसर हसन मजीदी के घर के बाहर सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. कौसर मजीदी ने अनहोनी की आशंका जताई थी, जिसके बाद उन्हें सुरक्षा दी गई है.
पाकिस्तान से मिली थी धमकी
बीते दिनों पाकिस्तानी मुल्ला डॉ अशरफ आसिफ जलाली ने सूफी खानकाह एसोसिएशन और मजीदी को लेकर धमकी दी है. अपने यू ट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड करते हुए भारत को पाकिस्तान बनाने की धमकी दी है. उसने मजीदी व उनके संगठन के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम लिया है. मौलवी डॉ. अशरफ आसिफ जलाली ने सूफी खानकाह एसोसिएशन को अंजाम भुगतने की धमकी दी है. नमूस-ए-रिसालत का विरोध करने पर यह धमकी दी गई है. जलाली ने कहा कि भारत में बैठे हमारे लोग भारत को पाकिस्तान बना देंगे.
तैनात की गई थीं दो निहत्थी महिला होमगार्ड
अनहोनी की आशंका जताते हुए उन्होंने एक जुलाई को पुलिस कमिश्नर से मिलकर सुरक्षा की मांग की. जिसपर उनकी सुरक्षा में दो निहत्थी महिला होमगार्ड तैनात की गई थीं. सूफी खानकाह एसोसिएशन के अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने बताया कि कि मैंने कमिश्नर साहब से सुरक्षा मांगी थी, लेकिन दो महिला होमगार्ड मेरे घर के बाहर तैनात हैं. ये क्यों है, किसी ने मुझे नहीं बताया. इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि ऐसा कई बार हो चुका है कि पुलिस की वर्दी में ही आतंकी हमला कर देते हैं.
दावत-ए-इस्लाम को लेकर किया था बड़ा दावा
गौरतलब है कि सूफी कौसर हसन मजीदी लंबे समय से कानपुर में दावत-ए-इस्लाम का विरोध कर रहे हैं. उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकंड के बाद उन्होंने बड़ा दावा किया था. जिसके मुताबिक, कानपुर के रायपुरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत डिप्टी पड़ाव में मस्जिद के अंदर दावत-ए-इस्लामी का मरकज है. इस संस्था को मिलने वाले फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान द्वारा आतंकी घटनाओं के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा कि मदनी चैनल के नाम पर भी बडे़ पैमाने पर देश का धन पाकिस्तान भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा था कि चंदे की रकम का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जाता है. वहीं दावत-ए-इस्लामी के लोग देश की मस्जिदों में अपने लोगों को बैठाकर युवाओं का माइंडवॉश करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से दावत-ए-इस्लामी पर बैन लगाने की मांग की थी.