गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच ने ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो कि जो विदेशों में बैठे लोगों से ठगी करके उन्हें करोड़ों रुपए की चपत लगा चुका था. हैरानी की बात ये है कि इनमें अधिकांश सिर्फ चौथी या पांचवीं पास हैं. जानिए ये कैसे चलाते थे ठगी की दुकान
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गाजियाबाद : जिले की क्राइम ब्रांच ने कॉल सेंटर पर कार्रवाई करते हुए 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह सभी लोग योजनाबद्ध तरीके से पहले अमेरिकी लोगों का डाटा इकट्ठा करते थे. उसके बाद ईमेल और अन्य माध्यमों से उन तक अपने वर्चुअल नंबर भेजा करते थे. इस वर्चुअल नंबर में उनकी दैनिक समस्याओं के निपटारे के लिए सर्विस मुहैया कराने की बात कही जाती थी. इसके बाद अमेरिकन नागरिक इनके दिए हुए नंबर पर कॉल करते, जिस पर एग्जिट कॉल सेंटर में बैठे लोग मैनेजर का नंबर प्रोवाइड करा देते. मैनेजर उनके मोबाइल में अलग-अलग तरीके की ऐप डाउनलोड करने के लिए कहता था. इतना होते ही गिरोह के सदस्य उन ऐप की परमिशन से मोबाइल और खातों की डिटेल एक्सेस कर लिया करते थे. इतना होते ही लोगों का अकाउंट खाली कर दिया जाता था.
डीसीपी क्राइम के मुताबिक अमेरिकन कस्टमर की डिटेल पाकर और ऐप व अन्य माध्यमों से मोबाइल मैं डाटा एक्सेस की परमिशन ले लिया करते थे. जिसके बाद कस्टमर की अकाउंट डिटेल और अन्य आवश्यक जानकारी इन तक पहुंच जाती थी. जिसके बाद यह अकाउंट से पैसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया करते थे.
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इस गैंग का मेन अकाउंट चीन में वर्चुअल रूप से ऑपरेटेड था, जहां से यह विभिन्न माध्यम के रूप में कैश मंगाते थे और उससे कॉल सेंटर के खर्चे में उपयोग में लाते थे. अब पुलिस इनके मास्टरमाइंड की भी तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक यह अब तक करोड़ों की ठगी को अंजाम दे चुके हैं. हजारों से अधिक लोगो इनकी साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं. पकड़े गए सभी लोग बेहद कम चौथी और पांचवी पास हैं लेकिन बड़े ही शातिर तरीके से ट्रेनिंग के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से बात किया करते थे.