PM Kisan Samman Nidhi Yojna: अगर आप भी पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे हैं तो यह गलती बिल्कुल मत करिएगा, वरना पीएम किसान योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं. देवरिया जिले में ऐसे 9 किसानों को नोटिस दिया गया है.
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PM Kisan Yojna: पीएम किसान योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर है. पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने को बड़ा फैसला किया है. जिसके तहत चेतावनी दी गई है कि पराली जलाने वाले किसान योजना का लाभ लेने से वंचित रह सकते हैं. साथ ही प्रदेश के 9 किसानों पर सरकार ने एक्शन भी लिया है. यूपी के प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी की तरफ से कहा गया है कि पर्यावरण को सुधारना है, लिहाजा हमें सख्त कदम उठाने होंगे. इसी के चलते देवरिया जिले के 9 किसानों को नोटिस दिया गया है.
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश में भी पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए कई वर्षों से प्रयास चल रहा है. इसके पहले भी पीलीभीत लखीमपुर खीरी के इलाके में पराली जाले जलाने के मामले को लेकर कई मामले दर्ज किए गए थे. लेकिन उसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामलों कमी नहीं आई, जिसकी उम्मीद थी. जिसके बाद आप प्रमुख सचिव कृषि की तरफ से सख्ती बरतने का निर्देश दिया गया है.
साथ यह भी कहा गया है कि अगर किसान पराली जलाने से नहीं मानेंगे तो पीएम सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा. बता दें, उत्तर प्रदेश में लगभग तीन करोड़ किसान योजना का लाभ ले रहे हैं. हालांकि इस अनुदान को रोकने का प्रावधान केंद्र की तरफ से नहीं है लेकिन प्रमुख सचिव कृषि की मानें तो जब तक दबाव नहीं बनाया जाएगा, तब तक पराली जलाने के मामले बंद नहीं होंगे.
सीएम योगी भी पराली जलाने के दुष्प्रभाव के बारे में कर चुके हैं जागरूक
पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कई बार बोल चुके हैं. उन्होंने जिलाधिकारी और जिला कृषि अधिकारियों को संयुक्त रूप से कैंप लगाकर जिलों में जागरूकता शिविर करने का भी निर्देश दिया था. यह कार्यक्रम बाकायदा पूरे यूपी में चलाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा था कि पराली में यूरिया और पानी मिलाकर कीड़वन बनाएं जिससे मामले को कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन सुधार तो हुआ लेकिन यह बंद नहीं हुआ. अगर आंकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामले में अब तक 500 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं. इस सब को लेकर मुख्य सचिव की तरफ से एनसीआर समेत यूपी के कई जिलों के अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देशित भी किया गया है.
आंकड़े यह भी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश कृषि अवशेष के मामले में पहले स्थान पर है, जबकि महाराज दूसरे और पंजाब तीसरे स्थान पर है. 1 साल पहले कृषि विभाग में कृषि ऑफिस के निपटान के लिए कई उपाय भी किए थे. जिसमें आवारा पशुओं को पढ़ा-लिखा ने की बात कही गई थी. साथ ही पूरे यूपी में बने गौशाला में भी इसके लिए निर्देश दिया गया था लेकिन अभी बीच में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है. जिसके चलते यूपी के प्रमुख सचिव कृषि ने आदेश जारी कर दिया है कि जो किसान नहीं मानेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई तो होगी, साथ ही वह पीएम कृषि सम्मान निधि से भी वंचित रह सकते हैं.
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