'हाथी' की गद्दी से गिरकर 'साइकल' की सीट पर कूदे दो नेता बनेंगे अखिलेश की जीत के 'घोड़े'
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1021630

'हाथी' की गद्दी से गिरकर 'साइकल' की सीट पर कूदे दो नेता बनेंगे अखिलेश की जीत के 'घोड़े'

अंबेडकरनगर में सात नवंबर को है अखिलेश यादव की सभा, इससे पूर्वांचल में पैठ बनाने की सपा की पूरी है तैयारी

लालजी और राम अचल राजभर

लखनऊ. अखिलेश यादव की 7 नवंबर को अंबेडकर नगर में होने जा रही बड़ी रैली पूर्वांचल में सपा के जाति वोट संतुलन की तैयारियों की तस्वीर काफी हद तक प्रस्तुत कर देगी. हाल ही में बसपा से निष्कासित हुए जाति की राजनीति करने वाले दो प्रभावी नेताओं की मौजूदगी इस संतुलन को साधने में सपा की काफी मददगार बन सकती है. ये नेता हैं बसपा से निष्कासित किए गए पूर्व मंत्री और विधायक लालजी वर्मा तथा राम अचल राजभर, जो कि हाथी की गद्दी से गिरा दिए गए तो साइकिल की सीट पर कूद आए हैं. अंबेडकर नगर दोनों का गृह जनपद है तो वे यहां शक्ति प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. दोनों का पिछड़ी जातियों में तगड़ा आधार है, अतः वे अपने अपने समुदाय के लोगों को इस बड़ी रैली में इकट्ठा करने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे.
 
कैसे महत्वपूर्ण होंगे दोनों नेता
रामअचल राजभर:
बसपा में अच्छा खासा कद रखते थे. पिछड़ी जातियों के बड़े कद वाले नेता की उनकी पहचान थी. उनका अंबेडकर नगर के आसपास के जिलों में अच्छा खासा प्रभाव है. मायावती सरकार में उन्हें कई विभागों के मंत्री होने का मौका मिला. बसपा में उन्हें प्रदेशाध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव जैसे पद भी दिए गए थे. रामअचल राजभर अंबेडकरनगर की अकबरपुर विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गए थे. स्पष्ट है कि किसी पार्टी में इतने ऊंचे कद तक पहुंचे नेता के खुद की पार्टी में आने से अखिलेश इस क्षेत्र में वोटों की फसल काटने की सोच रहे होंगे.

लालजी वर्मा :
अखिलेश के लिए इस अंचल में जीत का दूसरा घोड़ा बने लालजी वर्मा कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. उनका भी पिछड़ी जातियों में अच्छा खासा रसूख है. वह भी रामअचल की तरह पांचवीं बार विधायक चुने गए थे. उन्होंने अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट से यह सफलता हासिल की थी. उन्हें भी बसपा सरकार में कई विभागों के मंत्री रहने का सौभाग्य मिला था. वे भी रामअचल के साथ मिलकर अखिलेश की पार्टी सपा को अंबेडकरनगर में मजबूती देने के स्तंभ बन सकते हैं.
इस चुनाव में सपा की स्थिति को बसपा से बेहतर मानकर ही इन दोनों ने इस पार्टी में पैर रखा है. अब ये सपाध्यक्ष को अपनी उपयोगिता बताने के लिए इस रैली में शक्ति प्रदर्शन की कोशिश में लगे हुए हैं. अखिलेश के सात नवंबर के कार्यक्रम में ऐतिहासिक भीड़ जुटाने उनके प्रयास युद्ध स्तर पर जारी हैं. सपा हाईकमान से हर बूथ से कार्यकर्ताओं को जुटाने के निर्देश हैं.  

अखिलेश के लिए क्यों महत्वपूर्ण है दोनों 
लालजी और राजभर अखिलेश की रैली के लिए जितनी शिद्दत से काम कर रहे हैं, उतनी ही महत्वपूर्ण अखिलेश के लिए इन दोनों की मौजूदगी है. उसका कारण पूर्वांचल में पिछड़ों और अति पिछड़ों की जनसंख्या बहुत ज्यादा होना है. इनमें भी कुर्मी और राजभर समाज बहुत बड़ी मौजूदगी रखता है. अखिलेश की मंशा अंबेडकरनगर की इस रैली से पूर्वांचल में अपनी जोरदार आमद दर्ज कराने की है, ऐसे में लालजी वर्मा और राम अचल राजभर अखिलेश के लिए इस क्षेत्र की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण हो जाते हैं. उनको बसपा से तोड़कर अपनी पार्टी में लाने का कारण इस क्षेत्र की सियासत में बदलाव करना है.

WATCH LIVE TV

Trending news