अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी कांग्रेस, जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर बांटेगी संकल्प पत्र
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अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी कांग्रेस, जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर बांटेगी संकल्प पत्र

इस अभियान के तहत अगले चार शुक्रवार तक 8432 मस्जिदों के बाहर जुमे की नमाज़ के बाद संकल्प पत्र बांटे जाएंगे. कांग्रेस का 25 लाख लोगों तक संकल्प पत्र पहुंचाने का लक्ष्य है. 

अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी कांग्रेस, जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर बांटेगी संकल्प पत्र

लखनऊ: कांग्रेस ने यूपी में अल्पसंख्यकों के बीच अपना खोया हुआ जनाधार मजबूत करने के लिए शुक्रवार से एक अभियान की शुरू किया है. जिसके तहत शहर की तमाम मस्जिदों पर संकल्प पत्र बांटे गए हैं, वहीं इस अभियान के तहत अगले चार शुक्रवार तक 8432 मस्जिदों के बाहर जुमे की नमाज़ के बाद संकल्प पत्र बांटे जाएंगे. कांग्रेस का 25 लाख लोगों तक संकल्प पत्र पहुंचाने का लक्ष्य है. 

हर जिले में संकल्प पत्र वितरण अभियान चलाएगी कांग्रेस
अल्पसंख्यक कांग्रेस ने हर ज़िले में आज से एक महीने तक चलने वाले संकल्प पत्र वितरण अभियान की शुरुआत की है. वहीं, 24 सितंबर से 15 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत हर शुक्रवार को प्रत्येक विधान सभा की 6 बड़ी मस्जिदों में नमाज़ बाद ये संकल्प पत्र बांटे जाएंगे. राजधानी लखनऊ के कैंट इलाके स्थित जामा मस्जिद पर इस अभियान की शुरुआत शहर अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन अनीश अख्तर ने की.

उन्होंने बताया हमारा लक्ष्य है कि इस अभियान को लेकर 16 सूत्रीय संकल्प पत्र बनाया है, जिसको डोर टू डोर और मस्जिदों में जाकर लोगों तक पहुंचाया जाएगा.  उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में कुछ लोगों को गलत संदेश गया है, जिससे अल्पसंख्यक समाज हमसे थोड़ा दूर हो गया लेकिन अब जो जातिगत और धर्म की राजनीति चल रही है, जो नफरत के बीच पैदा किए गए हैं उनको खत्म करेंगे. 

वहीं, इलाके में रहने वाले सैफुद्दीन की माने तो चुनावी मौसम इसलिए सभी पार्टियां अपनी तैयारी कर रही हैं और जनता का मूड जानने के भी कोशिश कर रही हैं. उनका कहना है कि इस परसों पर लिखे तमाम मुद्दों से वह सहमत हैं, क्योंकि इस सरकार में व्यापारी और तमाम लोग परेशान हैं. आने वाले 6 महीने में अभी सभी पार्टियों का निचोड़ देखेंगे, उसके बाद तय करेंगे कि किसको वोट देना है. 

संकल्प पत्र के 16 मुख्य बिंदु 

1. CAA- NRC विरोधी आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस होंगे और मुआवजा दिया जाएगा.
2. राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तरह मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए विधानसभा से राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा जायेगा.

3. बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली दी जायेगी और कांग्रेस के जमाने में स्थापित किए गए कताई मिलो'' को फिर से खोला जाएगा.
4. मनमोहन सिंह सरकार में बुनकरों के लिए जारी 2350 करोड़ रूपये को खर्च किया जाएगा.

5. सपा सरकार में बन्द किए गए टनेरियो को खोला जाएगा और लाइसेंस प्रक्रिया को आसान किया जायेगा.
6. अंबेडकर हॉस्टलों के तर्ज पर हर जिले में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद हॉस्टल खोले जायेंगे.

7. अल्पसकछत्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी.
8. मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के बकाया वेतन को देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा और उनका स्थायीकरण किआ जायेगा.

9. पिछले 30 सालों में वक़्फ़ की संपत्तियों में हुई धांधली की जाँच कराई जाएगी और दोषियों को सज़ा दी जाएगी.
10. पसमंदा तबकों के विकास के लिए अलग से राज्य पसमादा आयोग बनाया जाएगा.
11. दस्तकार वर्ग की आवाज़ को सदन में स्थाई तौर पर उठाने के लिए उस वर्ग से विधान परिषद में एक सदस्य नामित किया जाएगा.

12. अखिलेश यादव सरकार में हुए सभी छोटे-बड़े दंगो की न्यायिक जाँच कर दोषियों को सजा दी जाएगी.
13. 1992 में कानपुर में हुए दंगे की जाँच के लिए गठित माथुर कमीशन की रिपोर्ट जिस पर सपा-बसपा ने कोई कार्रवाई नहीं की,  कार्रवाई कर दोषियों को सजा दी जाएगी. याद रहे इस दमे में 254 लोग मारे गए थे और 23:दिसंबर 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने दोषियों पर से मुकदमा हटाने का आदेश दिया था. 

14 हर मंडल में एक यूनानी मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा. 
15. अल्पसंख्यक वर्ग में आत्मविश्वास विकसित करने के लिए अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में राज्य पुलिस बल में भर्ती हेतु,विशेष कैप लगाए जाएंगे.
16. गौ अधिनियम के तहत बेगुनाह लोगों पर लादे गए मुकदमे जिन्हें हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है, उनको मुआवजा दिया जाएगा. 

कांग्रेस की अल्पसंख्यकों को रिझाने की रणनीति पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की अपनी अलग-अलग दलीलें हैं. जहां बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति बेनकाब हो चुकी है. इस तरीके के कार्यक्रम पूरी तरह फेल हैं, कांग्रेस की गलत नीतियों के चलते ही अल्पसंख्यक समाज राष्ट्र की प्रमुख धारा से नहीं जुड़ सका. जनता कांग्रेस को पहचान चुकी है, इस तरह के टोटकों से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होने वाला है. 

वहीं, सपा का कहना है कि समाजवादी पार्टी जातियों धर्म की राजनीति नहीं करती है. 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी जनता से जुड़े मुद्दों बेरोजगारी, किसानों के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ने जा रही है. वर्तमान में हो रही जाति और धर्म की राजनीति देश और प्रदेश के लिए ठीक नही है.

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