यूपी वालों को मिलेगा उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान, सपा शासन का यश भारती पुरस्कार बंद कर योगी सरकार लाई नया अवार्ड
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यूपी वालों को मिलेगा उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान, सपा शासन का यश भारती पुरस्कार बंद कर योगी सरकार लाई नया अवार्ड

Uttar Pradesh Gaurav Samman : योगी आदित्यनाथ सरकार अब राज्य का नाम रोशन करने वालों को उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान देगी. सपा शासन का यश भारती पुरस्कार पहले ही बंद किया जा चुका है.

Yogi Adityanath Akhilesh Yadav

Uttar Pradesh Gaurav Samman 2023 : यश भारती सम्मान की तरह यूपी में बीजेपी सरकार प्रदेश का नाम रोशन करने वाली हस्तियों के लिए नए सम्मान का ऐलान किया है. देश विदेश में उत्तर प्रदेश का नाम (Yash Bharti) रोशन करने वाली विभूतियों को योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से नवाजा जाएगा. उत्तर प्रदेश शासन (UP Govt) के अनुसचिव रघुनाथ प्रसाद वर्मा की ओर से इस नई सम्मान योजना के लिए 50 लाख रुपये की धनराशि मंजूर की गई है. 

यश भारती पुरस्कार पहले ही बंद

उत्तर प्रदेश सरकार यश भारती पुरस्कार को दो साल पहले बंद कर चुकी है. यश भारती सम्मान के तहत 11 लाख रुपये ऐसी हस्तियों को दिए जाते थे, जिन्हें देश विदेश में राज्य का नाम रोशन किया हो. इसकी जगह अब संस्कृति मंत्रालय ने  उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान की शुरुआत की है. पहले यह चर्चा थी कि योगी सरकार यश भारती की जगह राज्य संस्कृति पुरस्कार शुरू करेगी. 

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कब से शुरू होगा उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान

हालांकि उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान की शुरुआत कब होगी. यह सम्मान पाने वालों को कितनी धनराशि मिलेगी. क्या यह पुरस्कार इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान दिया जाएगा. ऐसे कयासों पर यूपी सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है.

यश भारती विवाद
यश भारती सम्मान अपात्रों, करीबियों और राजनीतिक लाभ हानि के आधार पर दिए जाने के आरोप लगते रहे हैं. 2015-16 में सुरभि रंजन को यश भारती सम्मान मिला था, जो तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन की पत्नी थीं.  सुरभि रंजन भजन कीर्तन कार्यक्रम करती रही हैं.  

मुलायम सिंह यादव ने की थी शुरुआत
समाजवादी पार्टी की मुलायम सिंह यादव सरकार में राज्य में यश भारती पुरस्कार की शुरुआत हुई थी. अखिलेश यादव की सरकार तक यह परंपरा कायम रही.  यह सम्मान साहित्य, चिकित्सा, फिल्म, समाज सेवा, विज्ञान, हस्तशिल्प, संस्कृति, पत्रकारिता, शिक्षा, चिकित्सा, खेल, उद्योग, संगीत, नाटक और ज्योतिष क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता था. यश भारती में प्रशस्ति पत्र के साथ 11 लाख रुपये मिलते हैं. यश भारती सम्मान पाने वालों को 50 हजार हर माह पेंशन भी दी जाती थी. इस पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने रोक लगा दी थी.

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