MLC Arun Pathak: अरुण पाठक ने एमएलसी इलेक्शन में जागेंद्र स्वरूप परिवार का वर्चस्व खत्म किया, ऐसे जीता बीजेपी का भरोसा
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MLC Arun Pathak: अरुण पाठक ने एमएलसी इलेक्शन में जागेंद्र स्वरूप परिवार का वर्चस्व खत्म किया, ऐसे जीता बीजेपी का भरोसा

उत्तर प्रदेश में हुए विधान परिषद चुनाव (Member of Legislative Counsil) के नतीजे लगातार आ रहे है. राजनीतिक गलियारों में इस चुनाव की चर्चा जोरों पर है. सभी की निगाहें नतीजों पर लगी हुई हैं. इसी बीच कानपुर में एमएलसी चुनाव (MLC Elections) का रिजल्ट आ गया है.

MLC Arun Pathak: अरुण पाठक ने एमएलसी इलेक्शन में जागेंद्र स्वरूप परिवार का वर्चस्व खत्म किया, ऐसे जीता बीजेपी का भरोसा

MLC Arun Pathak: उत्तर प्रदेश में हुए विधान परिषद चुनाव (Member of Legislative Counsil) के नतीजे लगातार आ रहे है. राजनीतिक गलियारों में इस चुनाव की चर्चा जोरों पर है. सभी की निगाहें नतीजों पर लगी हुई हैं. इसी बीच कानपुर में एमएलसी चुनाव (MLC Elections) का रिजल्ट आ गया है. इस सीट पर भाजपा (BJP) ने जीत दर्च की है. यहां भाजपा प्रत्याशी अरुण पाठक ने सपा (SP) प्रत्याशी डॉ कमलेश यादव को 53 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है.

12 फरवरी को खत्म होगा कार्यकाल
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश एमएलसी की पांच सीटों का कार्यकाल 12 फरवरी को खत्म होगा. यह सीटे हैं गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक सीट, कानपुर-उन्नाव शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, कानपुर मंडल की स्नातक सीट, झांसी-प्रयागराज निर्वाचन क्षेत्र और बरेली-मुरादाबाद स्नातक सीट. इन्हीं सीटों पर चुनाव हुआ था. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने सभी सीटें जीतने का दावा भी किया था. 

तीसरी बार जीते चुनाव
कानपुर में खंड स्नातक सीट पर बीजेपी के अरुण पाठक तीसरी बार विजयी हुए हैं. उन्होंने 2015 में कानपुर मंडल स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. इस सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने स्वरूप परिवार के मानवेंद्र स्वरूप को मात दी थी. उपचुनाव में भाजपा के अरुण पाठक ने मानवेंद्र स्वरूप को हरा कर जीत हासिल की थी. तीसरी बार भी भाजपा ने उनके ऊपर विश्वास जताया. इस बार भी अरुण पाठक चुनाव जीते. इस बार उन्होंने सपा प्रत्याशी डॉ कमलेश यादव को 53 हजार से अधिक वोटों से मात दी. 

कौन हैं अरुण पाठक
अरुण पाठक का जन्म 14 अप्रैल 1973 को हुआ था. उनका पालन पोषण कानपुर में ही हुआ. उन्होंने शिक्षा पूरी करने के बाद बीएनएसडी इंटर कॉलेज में रसायन विज्ञान के शिक्षक के रूप में उन्होंने पढ़ाना शुरू कर दिया. इस दौरान वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और पार्टी के लिए प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी संभाली. उनके परिवार में पत्नी राशि और एक बेटा व एक बेटी है. 2015 में यह सीट मानवेंद्र स्वरूप के पिता जागेंद्र स्वरूप की आकस्मिक मृत्यु की वजह से खाली हो गई थी. 

इस सीट पर बीजेपी की तरफ से अरुण पाठक को चुनाव लड़ने का मौका मिला था. कई दशकों से इस सीट पर तमाम शैक्षिक संस्थान चलाने वाले स्वरूप परिवार का कब्जा था. मानवेंद्र स्वरूप को पराजित करने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस बार उन्होंने इस सीट पर तीसरी बार बीजेपी का झंडा बुलंद किया. अरुण पाठक का कहना है कि वह बीजेपी की नीतियों पर काम करते हुए अपने दायित्वों को पूरा करेंगे.

 

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