स्कॉटलैंड की तरह बॉडीवॉर्न कैमरा और फुल बॉडी प्रोटेक्टर से लैस होगी UP POLICE, जानें कैसे काम करेगी डिवाइस
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स्कॉटलैंड की तरह बॉडीवॉर्न कैमरा और फुल बॉडी प्रोटेक्टर से लैस होगी UP POLICE, जानें कैसे काम करेगी डिवाइस

UP Police: जल्द ही यूपी पुलिस की गिनती दुनिया की सबसे एडवांस पुलिस में होगी. योगी सरकार प्रदेश की पुलिस को एडवांस टेक्नोलॉजी और डिवाइस से लैस करने जा रही है. पुलिस की वर्दी में ही अब एक तीसरी नजर लगी होगी. जो भीड़ में भी असमाजिक तत्व की हर हरकत पर नजर रखेगी.

स्कॉटलैंड की तरह बॉडीवॉर्न कैमरा और फुल बॉडी प्रोटेक्टर से लैस होगी UP POLICE, जानें कैसे काम करेगी डिवाइस

लखनऊ: योगी सरकार ने यूपी पुलिस को देश और दुनिया की नंबर एक पुलिस बनाने के लिए कवायद तेज कर दी है. गृह विभाग की तरफ से साढ़े छह सौ करोड़ से अधिक का बजट खर्च कर यूपी पुलिस को हाईटेक शक्ल दी जा रही है. जल्द ही प्रदेश की पुलिस बॉडी वॉर्न कैमरा और फुल बॉडी प्रोटेक्टर से लैस होगी. बॉडी वॉर्न कैमरे के जरिए लॉ एंड ऑर्डर की हालत पुलिस वीडियो फुटेज भी रिकॉर्ड कर सकती है. फुल बॉडी प्रोटेक्टर पुलिस को दंगा, हमले और लाठीचार्ज जैसी स्थिति में जवानों को सुरक्षा कवच प्रदान करेगा. विकसित देशों की पुलिस द्वारा ये आधुनिक उपकरण इस्तेमाल में लाए जाते हैं. गृह विभाग ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत 1200 बॉडी वॉर्न कैमरा खरीदने के लिए 4.8 करोड़ और 1650 फुल बॉडी प्रोटेक्टर फॉर वीमेन की खरीद के लिए 2.48 करोड़, 30,000 पोस्टमार्टम किट खरीदने के लिए छह करोड़ की मंजूरी दी है. 

इसके साथ ही राज्य के 10 जिलों में हाईटेक सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल और लॉ एंड ऑर्ड क्यूआरटी टीम गठित की जाएगी. क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप की मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरुआत हो चुकी है. जल्द अन्य जिलों में भी शुरुआत होगी.10 जिलों में करीब 641 करोड़ रुपए खर्च कर एडवांस सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की स्थापना होने वाली है. यही नहीं 6.75 करोड़ की लागत से एसआईटी, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआईडी और एसीओ के जांच और विवेचना के लिए एक डेडिकेटेड एफएसएल की स्थापना की जाएगी. कन्नौज में डेडिकेटेट मिनी टेक्निकल लैब विकसित किया जा रहा है. 

क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप जल्द होगा लागू
एनसीआरबी की ओर से तैयार क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप को पहले फेज में मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरू किया गया है. प्रदेश के अन्य जिलों में इसे लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है और तकनीकी सेवा मुख्यालय पर पूरी प्रक्रिया के लिए तकनीकी समिति गठित की गई है. कन्नौज, अलीगढ़, गोंडा और बरेली में फोरेंसिक लैब संचालित की जा चुकी है. अन्य 66 जिलों में अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना हुई है. शेष जिलों में शीघ्र डेडीकेटेड अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना की जा रही है. 

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अपने भवनों में होंगे परिक्षेत्रीय साइबर थाने
प्रदेश के सभी 1531 थानों में साइबर हेल्प डेस्क गठित हो चुकी है.नियुक्त कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. 18 परिक्षेत्रीय साइबर थानों के प्रशासनिक भवन निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया की जा रही है. सात परिक्षेत्रीय साइबर थानों वाराणसी, झांसी, बस्ती, अलीगढ़ आजमगढ़, गोरखपुर और बांदा के लिए कार्यदायी संस्था नामित कर दी गई है. 

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