UP Chunav से पहले BSP को बड़ा झटका: 6 विधायक साइकिल पर हुए सवार, BJP के बागी राकेश राठौर भी हुए सपाई
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UP Chunav से पहले BSP को बड़ा झटका: 6 विधायक साइकिल पर हुए सवार, BJP के बागी राकेश राठौर भी हुए सपाई

बहुजन समाज पार्टी से विधायक हाजी मुजतबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, सुषमा पटेल, असलम चौधरी, हरगोविंद भार्गव और असलम राईनी सपा में शामिल होने के लिए कल ही लखनऊ पहुंच गए थे. अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा कार्यालय में सभी 6 विधायक समाजवादी पार्टी की सदस्यता लिए.

UP Chunav से पहले BSP को बड़ा झटका: 6 विधायक साइकिल पर हुए सवार, BJP के बागी राकेश राठौर भी हुए सपाई

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले बसपा (BSP) के 6 बागी विधायक समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो गए. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष (Samajwadi Party President) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई. सुषमा पटेल मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर, हरगोविंद भार्गव सिधौली, सीतापुर, असलम चौधरी धौलाना, हापुड़, असलम राइनी, श्रावस्ती, हाकिम लाल बिन्द, हंडिया, प्रयागराज, मुज्तबा सिद्दीकी, प्रतापपुर प्रयागराज साइकिल पर सावर हो गए. वहीं, BJP के बागी विधायक राकेश राठौर (Rakesh Rathore) भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. 

अखिलेश यादव ने BJP पर साधा निशाना 
सपा प्रमुख अखिलेश यादव बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के खिलाफ जनाक्रोश इतना है, जनता इतनी दुखी है कि आने वाले समय में भाजपा का सफाया हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो सपा में आना चाहते हैं. आने वाले समय में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी. भाजपा ने घोषणापत्र के वादों को पूरा नहीं किया. भाजपा ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की दोगुनी हो जाएगी. लेकिन आज किसान ये जानना चाहता है कि किसानों की आय दोगुनी कब होगी. आज सभी जरूरी सामान महंगा हो गया.

सिधौली सीट से बसपा के विधायक हरगोविंद भार्गव 2007 में पहली बार बसपा से विधायक बने. 2012 में हरगोविंद भार्गव सपा के मनीष रावत से चुनाव हार गए. 2017 में हरगोविंद भार्गव बसपा से चुनाव जीतकर विधायक बने. हरगोविंद भार्गव के सात भाई हैं. सभी उच्च पदों पर आसीन है. सभी की शिक्षा सरकारी स्कूल कॉलेज से ही हुई हैं.

सीधे स्वभाव के नेता हैं हाजी मुज्तबा सिद्दीकी
प्रतापपुर विधानसभा से बसपा के बागी विधायक हाजी मुज्तबा सिद्दीकी सपा में शामिल हो गए. हाजी मुज्तबा सिद्दीकी जमीनी और सीधे स्वभाव के नेता माने जातें हैं. हाजी मुज्तबा सिद्दीकी तीन बार के विधायक हैं. दो बार प्रयागराज के सोरांव विधानसभा से विधायक रहे हैं. 2017 में हाजी मुज्तबा सिद्दीकी प्रतापपुर विधानसभा से विधायक बने थे. सपा हाजी मुज्तबा सिद्दीकी को प्रयागराज के फूलपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा सकती है.

हाकिम लाल बिंद इस विधानसबा क्षेत्र मे रखते हैं मजबूत पकड़ 
प्रयागराज के हंडिया विधानसभा से बसपा के टिकट पर पहली बार 2017 में विधायक बने हाकिम लाल बिंद सपा में शामिल हो गए. हाकिम लाल बिंद ने 2017 में हंडिया विधानसभा के मजबूत नेता पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी की पत्नी को चुनाव हराया था. हंडिया में हाकिम लाल बिंद की मजबूत पकड़ मानी जाती है. हंडिया विधानसभा में बिंद वोटर की भूमिका भी निर्णायक मानी जाती है. हाकिम लाल बिंद को सपा हंडिया विधानसभा से ही चुनाव लड़ा सकती है.

असलम रायनी का 2017 में पहली बार खुला था खाता 
असलम रायनी मूलरूप से श्रावस्ती जनपद के मुख्यालय भिनगा के निवासी है. इन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुरात वर्ष 2002 से बसपा के बैनर तले विधान सभा चुनाव लड़कर की थी. लेकिन, सफल नहीं हुए. इसके बाद वर्ष 2007 में और वर्ष 2012 में कांग्रेस का हाथ पकड़कर विधान सभा चुनाव लड़े. लेकिन इस चुनाव में भी वह रनर प्रत्याशी ही बने रहे और जीत हासिल नहीं हुई. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में असलम रायनी को फिर से बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया और असलम रायनी ने विधान सभा भिनगा (289) से जीत हासिल की. जिसमें असलम रायनी ने अल्पसंख्यक मतों के साथ ही दलित समुदाय के मतों और सपा विधायक से असंतुष्ट वोटरों पर निगाह मारी थी.

सुषमा पटेल 2017 में राजनीति में की थी डेब्यू 
बसपा विधायक सुषमा पटेल ने यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा लहर होते हुए भी जीत दर्ज की थीं. सुषमा पटेल पहली बार बसपा से मुंगराबादशाहपुर से विधायक बनी है. इससे पहले इनकी सास सपा व ससुर जनता दल से मडियाहू से विधायक रह चुकेहै. सुषमा पटेल का सपना IAS अफसर बनने का था. सुषमा दिल्ली में रहकर दो साल से सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रही थीं. उनका सपना था कि, पति की तरह वो भी आईएएस बनें. पति रंजीत सिंह पटेल पीसीएस कैडर के अफसर हैं. लेकिन, सास के कहने पर उन्होंने पॉलिटिक्स ज्वाइन करने का फैसला ले लिया. 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर सुषमा ने राजनीति में भी बड़ा मुकाम हांसिल कर लिया.

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