बेटी के पहले पीरिड्स पर पिता की अनोखी पहल, केक काटकर मनाया जश्‍न, ये बने गवाह
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बेटी के पहले पीरिड्स पर पिता की अनोखी पहल, केक काटकर मनाया जश्‍न, ये बने गवाह

Uttarakhand News : मासिक धर्म यानी पीरियड्स को लेकर हमारे देश में आज भी कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. एक तरफ जहां आज भी लोग पीरियड्स पर खुलकर बात नहीं करते. वहीं, दूसरी ओर ज्‍यादातर ऐसे मां-बाप हैं जो अपने बच्‍चों को इसके बारे में जानकारी तक नहीं देते. 

father celebrates daughter first period

सतीश कुमार/काशीपुर उधम सिंह नगर : लड़कियों में पीरियड्स यानी मासिक धर्म को लेकर अभी भी खुलकर चर्चा नहीं होती. वहीं, उत्‍तराखंड में बेटी को पहली बार पीरिड्स होने पर पिता ने केक काटकर जश्‍न मनाया है. इस अनोखे जश्‍न की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है. सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा का विषय बन गया है.  

पीरिड्स को लेकर कई भ्रांतियां 
दरअसल, मासिक धर्म यानी पीरियड्स को लेकर हमारे देश में आज भी कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. एक तरफ जहां आज भी लोग पीरियड्स पर खुलकर बात नहीं करते. वहीं, दूसरी ओर ज्‍यादातर ऐसे मां-बाप हैं जो अपने बच्‍चों को इसके बारे में जानकारी तक नहीं देते. हालांकि, उत्‍तराखंड के म्‍यूजिक टीचर जितेंद्र भट्ट ने करोड़ों मां-बाप के लिए प्रेरणा बन गए हैं. 

पीरिड्स पर खुलकर बात करने की जरूरत 
जितेंद्र भट्ट ने अपनी बच्ची के पहले पीरियड्स पर शानदार जश्‍न मनाया. इतना ही नहीं जितेंद्र ने केक काटकर लोगों को बांटा है. जितेंद्र ने पीरिड्स पर खुलकर बात करने की दिशा में नई पहल शुरू की है. जिसकी हर तरफ तारीफ भी हो रही है.  

खुशी का माहौल 
जितेंद्र भट्ट ने बताया कि जब बच्‍चे छोटे होते हैं तब उन्हें इस बात को लेकर ज्‍यादा जानकारी नहीं दी जाती. इतना ही नहीं जब भी किसी बच्‍ची या महिला को पीरिड्स होते हैं उन्‍हें हीन भावना से देखा जाता है. इसके अलावा यदि उस वक्त वह महिला किसी भी सामान को छू लेती है तब उसे अशुद्ध माना जाता है. इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए उन्‍होंने ऐसा किया. 

केक काटकर मनाया जश्‍न 
जितेंद्र ने बताया कि उनकी बेटी को पहली बार पीरिड्स आया तो इसे जश्‍न के रूप मनाया. उनका मानना है कि पीरिड्स अशुद्ध या छुआछूत की बीमारी नहीं है. बल्कि उनके लिए खुशी का दिन है. इसलिए वह केक काटकर जश्‍न मना रहे हैं. 

स्‍थानीय लोगों में भी खुशी 
वहीं, स्थानीय निवासी प्रज्ञा भटनागर का कहना है कि जो उनके गुरुजी ने किया उससे बहुत ही खुशी महसूस हो रही है. अपने आपको प्राउड फील कर रही हैं, क्यों की जब कोई भी महिला या लड़की को पीरियड्स आता है तब उन्हें हीन भावना से देखा जाता था, लेकिन इनकी ये पहल रंग लाएगी और इस फैली भ्रांतियों से छुटकारा मिलेगा. 

क्‍या बोली महिला रोग विशेषज्ञ 
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. नवप्रीत कौर का कहना है कि जो ये कार्य किया गया है बहुत अच्छी पहल है. क्यों की जिस तरह से लोग इसे एक छुआछूत मानते हैं वह एक दम गलत है. जब कोई भी महिला या लड़की को पीरियड्स आता है तब उसके अंदर कोई गंदगी नहीं निकलती बल्कि यूट्रस की अंदर की लेयर सेट होती है जिसके कारण ब्लडिंग होती है. जैसे मनुष्य पेशाब करता है या टॉयलेट जाते हैं जोकि एक आम प्रक्रिया है. ये कोई बीमारी नहीं है छुआछूत भी नहीं है. इस बीच में हर रोज नहाएं, हर रोज पूजा करें हर रोज मंदिर जाएं. 

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