Varanasi Ganga River: डेनमार्क की मदद से स्वच्छ होगा गंगा-वरुणा नदी का पानी, जांच के लिए बनेगी लैब
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Varanasi Ganga River: डेनमार्क की मदद से स्वच्छ होगा गंगा-वरुणा नदी का पानी, जांच के लिए बनेगी लैब

Ganga River: वाराणसी में गंगा की सफाई के लिए स्मार्ट रिवर लैबोरेटरी की स्थापना होगी. डेनमार्क के सात सदस्यीय दल ने दीनापुर एसटीपी का निरीक्षण किया. डेनमार्क की टीम नई तकनीक से लैब बनाएंगी.

Varanasi Ganga River: डेनमार्क की मदद से स्वच्छ होगा गंगा-वरुणा नदी का पानी, जांच के लिए बनेगी लैब

Smart River Laboratory In Varanasi: उत्तर प्रदेश के दीनापुर एसटीपी के यांत्रिक शाखा में पानी की जांच के लिए प्रयोगशाला बनाने हेतु 11 अगस्त 2022 यानी गुरुवार को डेनमार्क के सात सदस्यीय दल ने दीनापुर एसटीपी का निरीक्षण किया और जल निगम के अधिकारियों से चर्चा की. दरअसल, दीनापुर एसटीपी के यांत्रिक शाखा में पानी की टेस्टिंग के लिए लैब का निर्माण किया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक नार्डिक कॉरपोरेशन डेनमार्क के डेवलपमेंट मिनिस्टर के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल दीनापुर पहुंचा था. टीम ने सबसे पहले यहां बने 140 एमएलडी प्लांट को देखा. वाराणसी के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता के बारे में जानकारी ली. 

साल 2030 तक के लिए है ये योजना
जानकारी के मुताबिक यह योजना साल 2030 तक के लिए है. डेनमार्क की टीम ने यहां वृक्षारोपण भी किया. जानकारी के मुताबिक डेनमार्क के लोग नई तकनीक से लैब बनाएंगे. इसमें सीवेज और पीने के पानी दोनों की टेस्टिंग की जाएगी. जल निगम के अफसरों ने बताया कि करीब 412 एमएलडी की क्षमता से सीवेज का ट्रीटमेंट होता है.

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डेनमार्क की टीम ने लिए गंगा और सहायक नदियों के हाल 
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में डेनमार्क से 10 वैज्ञानिकों और मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर दीपक अग्रवाल समेत प्रोफेसरों, पर्यावरणविदों और शोध छात्रों के साथ संवाद किया. इसके अलावा गंगा और सहायक नदियों में पर्यावरण प्रबंधन की चुनौतियों से निबटने की स्ट्रेटजी बनाई जाएगी.

गंगा-वरुणा के लिए अब तक किए कार्यों की दी जानकारी  
डेनमार्क के डेवलपमेंट कोऑपरेशन मिनिस्टर फ्लेमिंग मोलर मोर्टेंसन और भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वाने, डेनमार्क फॉरेन अफेयर्स, स्थाई सचिव समेत सभी डेनिश डेलीगेट्स को गंगा-वरुणा नदी की साफ-सफाई और इन नदियों पर किए जा रहे शोध कार्यों के बारे में विस्तार से बताया.

इस क्षेत्र में समझौता करने इंडिया व डेनमार्क पहली बार साथ
मिनिस्टर फ्लेमिंग मोलर मोर्टेंसन ने कहा कि इंडिया और डेनमार्क पर्यावरण, नदी जल संरक्षण के क्षेत्र में समझौता करने के लिए पहली बार साथ आए हैं. वहीं, वाराणसी में गंगा की सफाई के लिए स्मार्ट रिवर लैबोरेटरी की स्थापना होगी. टीम को गंगा प्रहरी, नमामि गंगे और गंगा मित्रों ने प्रदर्शनी के जरिए अपने क्रियाकलापों की जानकारी दी गई.

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गंगा के किनारे लगाए जाएंगे अमृत वन 
जानकारी के मुताबिक प्रयागराज से बलिया तक गंगा के किनारे अमृत वन लगाए जाएंगे. बताया जा रहा है कि इस बेल्ट में 15 हजार गंगा जल संरक्षक तैयार किए गए हैं. 15 जोन, 15 गंगा कोऑर्डिनेटर, 120 गंगा सब कोऑर्डिनेटर, 1,500 वर्किंग साइट्स और 1,500 कंजर्वेशन सोसायटी बनाई जाएंगी. साथ ही डेनमार्क के डेलीगेट्स को गंगा किनारे रहने वाली महिलाओं द्वारा किए जाने वाले कुटीर उद्योग की जानकारी भी दी गई.

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