जौनपुर में एक जमीन के नाम पर धोखाधड़ी व जालसाजी का एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 81 साल के बुजुर्ग का आरोप है कि उसके पड़ोसी ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर उसे न सिर्फ मृत घोषित कर दिया बल्कि उसकी जमीन भी अपने नाम कर ली.
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अजीत सिंह/जौनपुर: जमीन जायदाद के नाम पर लोग लोग इस कदर फर्जीवाड़े को अंजाम देने लगे हैं कि अवैध तरीके किसी की भी जमीन भी हड़प लेते हैं. यहां तक की लोग आस पड़ोस में रहने वाले लोगों को जिंदा होते हुए भी मुर्दा साबित करने से बाज नहीं आते हैं. जौनपुर के गौराबादशाहपुर के 81 साल के बुजुर्ग रामबली के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. उनका आरोप है कि जमीन से जुड़े दस्तावेजों में उनके पड़ोसी ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. रामबली शनिवार को इस सिलसिले में चल रहे एक केस में सीजेएम कोर्ट में उपस्थित हुए. इस दौरान उन्होंने जैसे ही कहा कि जज साहब मैं जिंदा हूं. यह सुनते ही कोर्ट में मौजूद लोग सन्न रह गए. इस पर जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर धोखाधड़ी व जालसाजी करने पर सदर तहसील के नायब तहसीलदार समेत चार पर सीजेएम ने धोखाधड़ी, जालसाजी का वाद दर्ज किया.
दरअसल, जौनपुर के चोरसंड के रामबली ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल समेत चार के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें उन्होंने बताया कि मैं गौसपुर खुटहन में रहता हूं. पड़ोसी ने खाता व चक में मुझे मृत दिखाकर सचिव की मदद से मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करा लिया. पीड़ित का आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से भूमि पर अपना नाम दर्ज करा लिया गया है.
पड़ोसी दे रहे जान से मारने की धमकी
पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि मैं गरीब हूं. मेरे परिजन मुंबई रहते हैं. मेरे परिवार के लोग जब घर आए और खेत की मेड़ बांधने गए तो मेरी जमीन को अपनी बताकर पड़ोसियों ने वहां जाने से रोक दिया. इस पर बुजुर्ग व्यक्ति ने जब सरकारी दस्तावेजों में पड़ताल की तो पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी व जालसाजी हुई है. बुजुर्ग का यह भी आरोप है कि मुझे व परिवारवालों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. पुलिस अधीक्षक को शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई.
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