वेस्ट UP के जाट नेता भूपेंद्र चौधरी को BJP ने क्यों बनाया प्रदेश अध्यक्ष, जानें 5 बड़ी वजहें
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वेस्ट UP के जाट नेता भूपेंद्र चौधरी को BJP ने क्यों बनाया प्रदेश अध्यक्ष, जानें 5 बड़ी वजहें

Bhupendra Chaudhary BJP Chief : भूपेंद्र चौधरी को उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, वेस्ट यूपी से ताल्लुक रखने वाले चौधरी को प्रदेश संगठन की कमान देकर बीजेपी नेतृत्व ने सियासी समीकरण और संतुलन साधने की कोशिश की है. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसे अहम नियुक्ति माना जा रहा है. 

वेस्ट UP के जाट नेता भूपेंद्र चौधरी को BJP ने क्यों बनाया प्रदेश अध्यक्ष, जानें 5 बड़ी वजहें

1. जाट नेता भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) की यूपी बीजेपी अध्यक्ष (UP BJP Chief) के तौर पर नियुक्ति को भाजपा के मिशन 2024 के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. पार्टी की कोशिश वेस्ट यूपी में किसान आंदोलन के बाद से थोड़ा नाराज जाट समुदाय को पूरी तरह फिर से पाले में लाने की होगी.
2. भूपेन्द्र चौधरी को जिम्मेदारी देने के साथ बीजेपी ने सियासी समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की भी कोशिश की है. सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल से आते हैं, ऐसे में वेस्ट यूपी की जाट बेल्ट से जुड़े चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संतुलन साधा गया है.  
3.यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को रालोद-सपा गठबंधन ने तमाम सीटों पर नुकसान पहुंचाया था. गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने जाट वोटरों को मनाने के लिए पूरी ताकत झोंकी थी, हालांकि तमाम सीटें पार्टी के हाथ से निकल गई थीं. एमएसपी गारंटी समेत तमाम मुद्दों पर किसानों के लगातार आंदोलन को देखते हुए उन्हें साधने की बड़ी चुनौती भी चौधरी पर होगी.
4. वेस्ट यूपी के तहत 26 जिले आते हैं, जिसके तहत 136 विधानसभा सीटें हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इसमें से 109 सीटें जीतकर तहलका मचाया था, लेकिन 2022 में उसे नुकसान उठाना पड़ा. चौधरी के गृह जिले मुरादाबाद में पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. ऐसे में उन्हें जिम्मेदारी देकर पार्टी उस क्षेत्र में राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने का प्रयास करेगी.

5.बीजेपी के अध्यक्ष पद की नियुक्ति स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफे के 5 महीने बाद हुई है. यह संकेत देता है कि पार्टी प्रदेश संगठन का मुखिया चुनने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई. परिपक्व, लोकप्रिय और स्वीकार्य चेहरे को आगे लाकर यह संदेश दिया गया है कि चौधरी लंबे समय तक संगठन में भूमिका निभाएंगे. अनुभवी नेता को जिम्मेदारी दी गई है, ताकि पार्टी नेतृत्व और सरकार के बीच वो तालमेल अच्छी तरह बिठाया जा सके.

 

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