Mihira Bhoja : सम्राट मिहिर भोज कन्नौज के सम्राट थे. उन्होंने 836 ईस्वी से 885 ईस्वी तक शासन किया. उनकी पत्नी का नाम चंद्रभट्टारिका देवी था. मिहिरभोज की वीरता की कहानी पूरी दुनिया में सुनाई जाती है. सहारनपुर में मिहिर भोज गौरव यात्रा निकालने को लेकर विवाद हो गया है. ऐसे में जानते हैं कौन थे सम्राट मिहिर भोज?.
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Mihira Bhoja : यूपी के सहारनपुर में सम्राट मिहिर भोज गौरव यात्रा निकालने को लेकर हुए विवाद ने सियासी रूप ले लिया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए जाति की राजनीति करने का आरोप लगाया है. ऐसे में आइये जानते हैं कौन थे कन्नौज के महान सम्राट मिहिर भोज जिन्हें लेकर सियासी जंग छिड़ गई है.
यह है पूरी जीवन गाथा
दरअसल, सम्राट मिहिर भोज कन्नौज के सम्राट थे. उन्होंने 836 ईस्वी से 885 ईस्वी तक शासन किया. उनकी पत्नी का नाम चंद्रभट्टारिका देवी था. मिहिरभोज की वीरता की कहानी पूरी दुनिया में सुनाई जाती है. रही बात उनकी जाति को लेकर तो जानकारों का मानना है कि सूर्यवंशी, चंद्रवंशी, अग्निवंशी, ऋषिवंशी, नागवंशी, भौमवंशी आदि वंशों में बंटा हुआ है छत्रिय वंश. जहां तक गुर्जर समुदाय की बात है वे सभी सूर्यवंशी हैं. भारत में गुर्जर, जाट, पटेल, पाटिदार, मीणा, राजपूत, चौहान, प्रतिहार, सोलंकी, पाल, चंदेल, मराठा, चालुक्य, तोमर आदि सभी छत्रिय वंश से संबंध रखते हैं.
कहां तक था राज्य का विस्तार
जानकारों का यह भी कहना है कि सम्राट मिहिर भोज के राज्य का विस्तार वर्तमान मुल्तान से लेकर बंगात तक और कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक फैला हुआ था. मिहिर भोज के मित्रों में काबुल के राजा, क्शमीर के राजा, नेपाल के राजा और असम के राजा उनके मित्र हुआ करते थे. वहीं, अरब के खलीफा मौतसिम वासिक, मुन्तशिर, मौतमिदादी सम्राट के सबसे बड़े दुश्मन हुआ करते थे. अरबों ने कई हमले कर सम्राट को खत्म करने के कई प्रयास किए लेकिन वो सम्राट की सेना के सामने हर बार विफल रहे.
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