UP Assembly Election 2022 से पहले Yogi Adityanath सरकार की ओर से एक खास बुलडोजर को परमानेंट तैनाती दी गई है. इससे यूपी के Criminal, माफिया और गैंगस्टर थर-थर कांप रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...
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लखनऊ. यूपी के सीएम (UP CM) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बुलडाेजर (Yogi Bulldozer) से पहले ही यूपी के अपराधी, माफिया और गैंगस्टर (Criminal in UP) थर-थर कांप रहे हैं. अब ये अपराधी और गैंगस्टर्स उत्तरप्रदेश में आगे कभी सिर न उठा सकें, उसके लिए यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले माफिया की संपत्ति को कुचलने वाले बड़े बुलडोजर को परमानेंट तैनात कर दिया गया है. पहेलियां बुझाने के बजाय हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में नई गैंगस्टर नियमावली (Gangester Niyamavali) लागू हो गई है. इसके तहत सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान यह किया गया है कि अपराधियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई होने पर सीधे उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. नियमावली लागू होने से माफिया की प्रॉपर्टी (Mafia Property) को जब्त करने का कदम वैकल्पिक कार्रवाई के अंतर्गत आता था.
उत्तर प्रदेश के जिलों में लागू हुई इस गैंगस्टर नियमावली 2021 (Gangester Niyamavali 2021) को लेकर जिलों के डीएम (DM in UP) ने आदेश जारी कर दिए हैं. नियमावली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। कुछ जिलों में यूपी विधानसभा चुनाव (UP Chunav 2022) को लेकर पुलिस विभाग (UP Police) की मीटिंग्स भी होना शुरू हो गई हैं. इसके बारे में यूपी के अपराध जगत (UP Crime World) और अंडरवर्ल्ड (Under World) से जुड़े शातिर अपराधियों में खौफ का माहौल बनना शुरू हो गया है.
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ये हुए हैं प्रमुख बदलाव: इस गैंगस्टर नियमावली में कई बदलाव ऐसे किए गए हैं, जिनसे क्रिमिनल्स में खौफ का माहौल बनेगा. नीचे पढ़े प्रमुख बदलाव
एक से अधिक केस की जरूरत नहीं
अब धारा 376 डी यानी गैंगरेप, 302, 395, 396 और धारा 397 के अंतर्गत आने वाले अपराधों में तुरंत गैंगस्टर एक्ट लगाया जा सकेगा. पहले इस नियमावली में ऐसा प्रावधान था कि चाहे अपराधी पर कितनी ही सीरियस धारा लगी हो, उस पर गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए जरूरी होता था कि उस पर एक से अधिक केस लदे हों.
गुर्गों पर शिकंजा
इस नियमावली ने गुर्गों पर खास निगाह जमाई है. पहले माफियाओं के गुर्गे इससे बच जाते थे. अब यह होगा कि भले ही गैंग चार्ट में नाम नहीं है पर केस विवेचना किसी अपराध में संलिप्तता सामने आती है या किसी क्राइम में सहयोगी पाए जाते हैं डीएम से परमिशन लेकर नाम गैंगस्टर में जोड़कर चार्जशीट दाखिल की जा सकती है.
गलती को सुधारने का मौका
गलती को सही करने का मौका भी इसमें हैं. डीएम को लगता है कि यदि किसी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत गलत कार्रवाई हो गई है तो वह विवेचना के दौरान इस एक्ट को हटा भी सकेंगे. यदि उस अपराधी पर गलती से गैंगस्टर लग गया और उसका आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया तो फिर स्टेट गवर्नमेंट को इस बावत पत्र व्यवहार किया जाएगा. संपत्ति जब्ती की रिपोर्ट आने पर जिलाधिकारी स्वयं या किसी विधि अधिकारी से संपत्ति की जांच करा सकते हैं.
नाबालिग अपराधी न बच सकेंगे
इस नियमावली में उम्र के आधार पर माफी की गुंजाइश कर हुई है. पहले नाबालिग अपराधी इस एक्ट से बच जाते थे, पर अब अगर डीएम की अनुमति हो तो नाबालिग अपराधियों पर भी यह एक्ट लगाया जा सकता है.
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