माफिया अतीक अहमद के गढ़ में दूसरी बार कमल खिलाने वाले सिद्धार्थ नाथ को नहीं मिली कैबिनेट में जगह, क्या यह हो सकती है वजह?
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माफिया अतीक अहमद के गढ़ में दूसरी बार कमल खिलाने वाले सिद्धार्थ नाथ को नहीं मिली कैबिनेट में जगह, क्या यह हो सकती है वजह?

Yogi Adityanath New Cabinet: प्रयागराज की शहर पश्चिम सीट माफिया अतीक अहमद का गढ़ होने की वजह से यूपी चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रही. माफिया अतीक अहमद इस सीट से पांच बार विधायक रहा. हालांकि, 2017 में जब सिद्धार्थ नाथ सिंह यहां से जीते तो इस इलाके की पहचान बदल गई

माफिया अतीक अहमद के गढ़ में दूसरी बार कमल खिलाने वाले सिद्धार्थ नाथ को नहीं मिली कैबिनेट में जगह, क्या यह हो सकती है वजह?

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज

Yogi Cabinet 2.0: विधानसभा चुनाव के दरमियां यूपी की सबसे हॉट सीटों में से एक रही प्रयागराज शहर पश्चिमी. योगी सरकार की पहली कैबिनेट में मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यहां दूसरी बार भी कमल खिलाया. करीब 29000 वोटों से सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा प्रत्याशी और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रिचा सिंह को हराकर जीत दर्ज की. जनता उम्मीद कर रही थी कि सिद्धार्थ नाथ एक बार फिर योगी सरकार में शामिल होने वाले हैं, लेकिन बीते दिन शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने शपथ नहीं ली. कैबिनेट 2.0 के मंत्रियों की जो फाइनल लिस्ट बनी, उसमें सिद्धार्थ नाथ का नाम नहीं था. 

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आगे जाकर दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी?
सिद्धार्थ नाथ सिंह का नाम मंत्रिमण्डल में न होने की वजह से उनके समर्थक मायूस हो गए. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में जब भी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, सिद्धार्थ नाथ सिंह को जरूर मौका मिलेगा. सिद्धार्थ नाथ के समर्थकों का मानना है कि आने वाले समय में उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.

क्या हो सकती है दगह न मिलने की वजह
सीएम योगी आदित्यनाथ की नई सरकार में सिद्धार्थ नाथ सिंह के शामिल न होने की वजह उनका स्थानीय कार्यकर्ताओं से दूरी बताई जा रही है. लोगों का कहना है कि 2017 में जब सिद्धार्थ नाथ ने शहर पश्चिमी से विधानसभा का चुनाव जीता और मंत्री बने तो यहां के स्थानीय लोगों से उनका व्यवहार रूखा हो गया था. इसके चलते पार्टी कार्यकर्ता ही दबी जुबान उनकी कमियां गिनाने लगते थे. 

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समर्थकों को भरोसा, कद के हिसाब से जरूर मिलेगी जगह
इतना ही नहीं, विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी से ही जुड़े एक पदाधिकारी ने सिद्धार्थ नाथ सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. हालांकि, बाद में संगठन के लोगों के समझाने के बाद पार्टी के पदाधिकारी ने अपना नाम वापस ले लिया था. वहीं, योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जगह नहीं मिलने पर उनके समर्थक मायूस जरूर हैं, लेकिन उन्हें भरोसा है कि सिद्धार्थ नाथ सिंह को उनके कद के मुताबिक जरूर कहीं न कहीं एडजस्ट किया जाएगा.

सिद्धार्थ नाथ के आने के बाद हुए कई बदलाव
प्रयागराज की शहर पश्चिम सीट माफिया अतीक अहमद का गढ़ होने की वजह से यूपी चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रही. माफिया अतीक अहमद इस सीट से पांच बार विधायक रहा. हालांकि, 2017 में जब सिद्धार्थ नाथ सिंह यहां से जीते तो इस इलाके की पहचान बदल गई. पिछले 5 साल में कई विकास कार्य हुए, फ्लाईओवर और सड़कों के निर्माण के साथ ही लॉ विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी हुआ. इतना ही नहीं, सूबे में योगी सरकार का बुलडोजर भी सबसे ज्यादा प्रयागराज के शहर पश्चिमी विधानसभा में ही गरजा था. 

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सिद्धार्थ नाथ सिंह की मुखरता की वजह से हुए ये काम
योगी सरकार के बुलडोजर ने माफिया अतीक अहमद के पैतृक निवास समेत 57 अवैध इमारतों को ध्वस्त किया था, जिसकी चर्चा देशभर में हुई. नतीजा यह रहा कि माफिया अतीक अहमद का साम्राज्य पूरी तरीके से प्रयागराज में खत्म सा हो गया. कहा जाता है कि इसके पीछे सिद्धार्थ नाथ सिंह की मुखरता सबसे बड़ी वजह रही, जिसके चलते माफिया अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ प्रशासनिक अमले ने पूरी सख्ती से कार्रवाई की.

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