UP Board के माध्यमिक विद्यालयों का संचालन सोसाइटी या ट्रस्ट के माध्यम से होता रहा है.... अब इसमें अ-लाभकारी कंपनियों को भी शामिल किया जा रहा है. मान्यता लेने के बाद उसका पांच साल पर नवीनीकरण भी कराना होगा..
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अजीत सिंह/लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Government) माध्यमिक विद्यालय को लेकर एक बड़ा फैसला करने जा रही है. माध्यमिक शिक्षा विभाग बाकायदा माध्यमिक विद्यालयों को कंपनियों द्वारा संचालित करने को लेकर एक प्रस्ताव बना रही है जिसका मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुतीकरण हो चुका है. और अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाने की तैयारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक यूपी बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों को अब कंपनियां संचालित कर सकेंगी. सरकार यूपी बोर्ड के 100 साल पूरे होने पर विद्यालयों को मान्यता देने के नियमों में बदलाव करने जा रहे है.
व्यवस्था के तहत दंड का प्रावधान
इसमें धन की वसूली के साथ ही विषय या वर्ग की मान्यता छीनी जा सकती है. इसके साथ ही मान्यता का हर पांच साल में नवीनीकरण भी कराना होगा. इस व्यवस्था के तहत दंड का प्रावधान भी रखा गया है. अगर यह पाया गया कि विद्यालय की मान्यता की जाएगी साथ ही सरकार ने किया है मान्यता प्राप्त विद्यालयों को हर 5 साल बाद नवीनीकरण कराना होगा. इसके लिए यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पूरा डाटा तैयार किया है.
अब इसमें कंपनियों की एंट्री
अगर आंकड़ों की बात करें तो साल 20 21, 22 में एक करोड़ 10 लाख 40 हजार 323 पंजीकृत छात्र थे. योगी सरकार ने अपने संकल्प पत्र में भी माध्यमिक विद्यालयों के बुनियादी ढांचे के सुधार और नवीनीकरण का वादा किया था जिसके तहत कई योजनाएं चलाई गईं. जानकारी के मुताबिक अब तक सोसायटी एक्ट एक्ट द्वारा माध्यमिक विद्यालयों का संचालन होता था लेकिन अब इसमें कंपनियों की एंट्री की जा रही है. बगैर इसकी योजना स्वयं शिक्षा निदेशक से लेकर सोसाइटी कंपनी या ट्रस्ट की साधारण सभा को सौंपने की तैयारी की जा रही है.
सीएम योगी के सामने रखा गया प्रेजेंटेशन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने विभागीय प्रेजेंटेशन किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री की तरफ से हरी झंडी मिल गई है और जल्दी आने वाले समय में कैबिनेट में पारित करा लिया जाएगा. इसके बाद माध्यमिक विद्यालयों के संचालन कंपनियों की भी एंट्री हो जाएगी. सरकार का मानना है कि ऐसा करने से शैक्षिक व्यवस्था में सुधार आएगा जिसका फायदा आने वाले वक्त में छात्र छात्राओं को मिलेगा.
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