उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के विकास के लिए संभावनाओं को अवसर में तब्दील कर रही है. इसी कड़ी में भगवान परशुराम की जन्मस्थली को विभिन्न तीर्थस्थलों से जोड़ा जाएगा. इसे परशुराम तीर्थ सर्किट नाम दिया गया है. कार्ययोजना के मुताबिक 500 किलोमीटर से होकर गुजरने वाला यह प्रदेश का तीसरा तीर्थ सर्किट होगा. इससे एक ओर जहां नई पीढ़ी को भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा मिलेगी वहीं रोजगार और पर्यटन के नए अवसर भी सामने आएंगे.
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पवन सेंगर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने भगवान परशुराम की जन्मस्थली के विकास का वादा किया था. इस घोषणा को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने एक कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तय कार्ययोजना के मुताबिक प्रदेश में जल्द ही एक और तीर्थ सर्किट बनकर तैयार होगा. यह तीर्थ सर्किट परशुराम तीर्थ सर्किट के नाम से जाना जाएगा. 500 किलोमीटर लंबा तीर्थ सर्किट 6 जनपदों से होकर गुजरेगा. इनमें सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर और फर्रुखाबाद शामिल हैं.
परशुराम की जन्मस्थली से जुड़ेंगे तीर्थ स्थल
परशुराम तीर्थ सर्किट से हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम, पूर्णागिरी मां के मंदिर के बॉर्डर से बाबा नीम करौली धाम और जलालाबाद जुड़ जाएंगे. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ रोजगार सृजन के मोर्चे पर यह काफी अहम होगा. उत्तर प्रदेश सरकार का पीडब्ल्यूडी व केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय साझा रूप से इसे विकसित करेंगे. कार्ययोजना के मुताबिक जिन जिलों से सर्किट गुजरेगा वहां इको टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा. टूरिज्म सर्किट में भगवान परशुराम के जीवन वृतांत से जुड़ी बातों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग केंद्र विकसित किए जाएंगे. इससे भावी पीढ़ी भगवान परशुराम के जीवन से परिचित हो सकेगी.
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यूपी में बन रहे है 12 पर्यटन सर्किट
योगी सरकार द्वारा मथुरा, वृंदावन, अयोध्या ,प्रयागराज, नैमिषारण्य, कुशीनगर ,चित्रकूट, विंध्याचल, वाराणसी, लखनऊ में संस्कृति पर्यटन सुविधाओं का विकास एवं सांस्कृतिक पर्यटन परिपथ के तौर पर विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा 12 सर्किट (परिपथ) भी बनाए जा रहे हैं. इनमें रामायण , बुद्धिष्ट, आध्यात्मिक, शक्तिपीठ, कृष्णा/बृज , बुंदेलखंड, महाभारत, सूफी/कबीर , क्राफ्ट, स्वतंत्रता संग्राम,जैन , वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म सर्किट शामिल हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा बनाई जा रही इन तीर्थ सर्किट को अलग-अलग थीम पर विकसित किया जा रहा है.
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सभी दलों ने परशुराम के नाम पर मांगा था वोट
विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के सभी बड़े राजनीतिक दलों ने परशुराम के नाम पर वोट मांगा था. राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज क्षेत्र में लगाई गई भगवान परशुराम की मूर्ति और 68 फीट उंचे फरसे का अखिलेश ने अनावरण किया था. विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी ने भी ब्राह्मण सम्मेलनों के जरिए परशुराम को याद किया था. चुनाव से ठीक पहले बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने लखनऊ के सहसोवीर मंदिर में भगवान परशुराम की 11 फीट ऊंची प्रतिमा लगवाई थी. छह फीट ऊची प्रतिमा को पांच फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित किया गया है.
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